लखनऊ न्यूज़: प्रदेश के तैयार हो रहे 59 शहरों के मास्टर प्लान में कई चूक होने की जानकारी शासन को मिली है. इन्हें तैयार करने के लिए रखे गए कंसल्टेंटों की लापरवाही का आलम यह रहा कि अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद के लिए गूगल टूल का इस्तेमाल किया गया, जबकि इसे विशेषज्ञों से अनुवाद कराना चाहिए था. इसके चलते क्षेत्रों का नाम गड़बड़ा गया. इतना ही नहीं मास्टर प्लान में मानमाने तरीके से चित्र लगा दिए गए. विकास प्राधिकरणों की शिकायत के बाद शासन ने इसका संज्ञान लेते हुए मुख्य नगर नियोजक को जांच के निर्देश दिए हैं.
इस तरह की शिकायतें अलीगढ़ समेत अन्य विकास प्राधिकरण ने अपनी शिकायत में कहा है कि कंसलटेंट द्वारा निर्धारित सिद्धांतों के संबंध में जानकारी नहीं दी गई. इतना ही नहीं डाटा आदि उपलब्ध कराने में सहयोग नहीं दिया गया. महायोजना हिंदी में तैयार की गई है पर उसका अनुवाद गूगल टूल से किया गया.
प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने निर्देश दिया है कि अनुवाद के लिए गूगल टूल का इस्तेमाल न किया जाए. विशेषज्ञों से हिंदी अनुवाद कराया जाए. अवैध कालोनियों, भू-उपयोग का निर्धारण, पूर्व स्वीकृत मास्टर प्लान के आधार पर किया जाए. जिनका मामला शासन स्तर पर विचाराधीन है, उसको शामिल न करें. ग्रीन बेल्ट आदि को यथावत रखने और बदलने के संबंध में न्यायालयों में पारित आदेशों का ध्यान रखा जाए.
क्या है प्रगति
प्रदेश के 59 शहरों का जीआईएस आधारित मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है. इनमें 56 मास्टर प्लान के प्रारूप को विकास प्राधिकरणों में प्रदर्शित किया जा चुका है. उन्नाव और हाथरस की प्रदर्शनी अभी चल रही है. फतेहपुर की प्रदर्शनी अभी लगाई जानी बाकी है. 56 में 25 मास्टर प्लान में आपत्तियों और सुझावों की सुनवाई समाप्त हो चुकी है, 20 की अभी चल रही है. इसलिए इसमें जो भी खामियां रह गई हैं उसे ठीक किया जाएगा.
● प्राधिकरणों की शिकायत के बाद शासन ने लिया संज्ञान
इन बिंदुओं की होगी जांच
● शहर का कुल क्षेत्रफल कितना है और इसकी आबादी क्या है
● परिवहन और उसके संचालन की क्या व्यवस्था की गई
● अर्थव्यवस्था और रोजगार के संस्थान की व्यवस्था क्या होगी
● हरित क्षेत्रफल कितना रखा गया है, जलभराव से बचाव के उपाय
● नदी केंद्रित योजना और पिछले मास्टर प्लान से डेटा का कितना मिलान हुआ
● हेरिटेज जोन, सालिड वेस्ट और गीला कूड़ा निस्तारण के लिए व्यवस्था