मनीष हत्याकांड: CBI जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य को भेजा नोटिस, जानिए क्या है पत्नी की मांग
नई दिल्ली: यूपी के गोरखपुर में कानपुर के कारोबारी की पुलिस पिटाई से हुई मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने यूपी सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. दरअसल, मनीष गुप्ता की पत्नी की ओर दायर याचिका में कहा गया कि सरकार की सिफारिश के बावजूद सीबीआई ने जांच शुरू नहीं की.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की CBI जांच की याचिका पर यूपी सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब मांगा है. 12 नवंबर को मामले में अगली सुनवाई होगी. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सुनवाई के दौरान पूछा कि मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है ?
इस पर मनीष गुप्ता की पत्नी की ओर से कहा गया कि सरकार ने एक प्रेस नोट दिया गया था कि मामले की जांच की सीबीआई के लिए सिफारिश की गई है. लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी कुछ नहीं किया है. यहां तक कि यूपी पुलिस की SIT ने क्राइम सीन का रिक्रिएशन भी नहीं किया है. कारोबारी मनीष गुप्ता की पत्नी ने याचिका दाखिल कर मामले की जांच CBI को ट्रांसफर करने की मांग की है.
याचिका में कहा गया है कि उन्हें यूपी पुलिस की SIT जांच पर उनको भरोसा नहीं है. यूपी पुलिस ने इस मामले में शुरू से ही आरोपियों को बचाने की कोशिश की है क्योंकि पहले इसे दुर्घटना बताया गया, मौत के 48 घंटे बाद FIR दर्ज की गई. लिहाजा मामले की जांच CBI को सौंपी जाए और ट्रायल को दिल्ली की CBI कोर्ट में ट्रांसफर किया जाए.
कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता 27 सितंबर की सुबह आठ बजे गोरखपुर अपने दो दोस्तों हरवीर व प्रदीप के साथ घूमने गए थे. तीनों युवक तारामंडल स्थित होटल कृष्णा पैलेस में ठहरे थे. 27 सितंबर की रात ही रामगढ़ताल थाना प्रभारी इंस्पेक्टर जगत नारायण सिंह, फलमंडी चौकी प्रभारी रहे अक्षय मिश्रा सहित छह पुलिस वाले आधी रात के बाद होटल में चेकिंग को पहुंच गए थे. कमरे की तलाशी लेने पर मनीष ने आपत्ति जताई तो पुलिसकर्मियों से उनका विवाद हो गया. आरोप है कि पुलिस वालों ने उनकी पिटाई कर दी थी जिससे उनकी मौत हो गई थी.