Lucknow : पिंजरे, जाल, कैमरे, ड्रोन, तीन विशेषज्ञ, डब्ल्यूटीआई टीम और 25 से अधिक कर्मियों की भारी भरकम टुकड़ी होने के बावजूद वन विभाग की टीम 26 दिन बाद भी बाघ को नहीं पकड़ पाई है। वन विभाग की टीम सिर्फ पंजे के निशान पहचानने तक ही सीमित है। इन 26 दिनों में बाघ ने 6 जानवरों का शिकार किया है। शनिवार को छठा शिकार बुधड़िया गांव में किया गया। बाघ के स्थान बदलने से ग्रामीण दहशत में हैं। वे अपने खेती-किसानी के काम भी नहीं कर पा रहे हैं। ग्रामीणों की दिनचर्या भी प्रभावित हो रही है। बाघ खेड़ा के जंगल में घूम रहा है। शनिवार को बाघ ने बुधड़िया गांव में एक गाय का शिकार किया। ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। डीएफओ सीताशु पांडेय ने बताया कि शनिवार सुबह नौ बजे तक रहमान खेड़ा संस्थान के अंदर बाघ और जंगली जानवर की मौजूदगी नहीं पाई गई थी। रहमान
साढ़े नौ बजे बुधड़िया के लोगों ने गाय के शिकार की सूचना दी। इस पर डीएफओ पशु चिकित्सक, डब्लूटीआई टीम, प्रभागीय वनाधिकारी, नोडल अधिकारी हरीलाल ने मौके पर जाकर जांच की। डीएफओ के अनुसार वहां एक मृत गाय मिली। मौके पर जंगली जानवरों के पैरों के निशान भी मिले। गाय का कुछ हिस्सा जंगली जानवरों ने खाया हुआ था। पैरों के निशान बाघ या जंगली जानवर के होने की पुष्टि हुई है। आसपास के क्षेत्र में गश्त शुरू कर दी गई है। रहमान खेड़ा के पीछे मीठनगर रोड की ओर जाने वाले खड़ंजा मार्ग पर नाले के पास पुल के बाईं ओर ट्रैपिंग पिंजरा लगा दिया गया है। निगरानी के लिए ट्रैपिंग पिंजरे के पास कैमरा भी लगाया गया है।