लखनऊ: मधुबन विहार में सुबह बीमारी से परेशान होकर ठेकेदार ने खुद को गोली मार ली. फायरिंग की आवाज सुन कर भाई कमरे में पहुंचा. ठेकेदार का शव पड़ा देख मड़ियांव पुलिस को सूचना. कमरे से पुलिस ने तमंचा और कारतूस बरामद किया है.
न्यूरो की बीमारी से था परेशान मधुबन विहार निवासी शिशिर मिश्र (42) बड़े भाई राजीव के साथ रहते थे. सुबह करीब छह बजे राजीव को फायरिंग की आवाज सुनाई पड़ी. वह भाग कर कमरे में पहुंचे. जहां शिशिर खून से लथपथ पड़ा मिला. उसकी दाहिनी कनपटी से खून बह रहा था. पास में ही तमंचा पड़ा मिला. राजीव की सूचना पर मड़ियांव पुलिस मौके पर पहुंची. इसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. राजीव ने पुलिस को बताया कि करीब 15 साल से शिशिर न्यूरो की बीमारी से ग्रसित था. काफी दिनों से इलाज भी चल रहा था. जिसके बाद भी हालत में सुधार नहीं हुआ. डीसीपी उत्तरी अभिजीत आर शंकर ने बताया कि व्यापारी ने 315 बोर के तमंचे से गोली मारी थी. जिसे पुलिस ने रिकवर किया है. इंस्पेक्टर शिवानंद मिश्र ने बताया कि शिशिर मूल रूप से सीतापुर बम्भौरा के रहने वाले थे.
होटल में युवक ने लगाई फांसी: चारबाग दूधमंडी स्थित होटल में रुके युवक ने फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली. सुबह उसका शव कमरे में फंदे से लटकता मिला. दरवाजा नहीं खुलने पर होटल कर्मियों ने नाका पुलिस को सूचन दी थी.
नौकरी छूटने से था परेशान आलमनगर पाल तिराहा निवासी वीरेंद्र कुमार (28) ने रात शिवगंगा होटल में कमरा नम्बर 106 बुक कराया था. सुबह दस बजे चेक आउट करना था.
समय पूरा होने के बाद भी वीरेंद्र कमरे से बाहर नहीं आया. जिस पर होटल कर्मियों ने दरवाजा खटखटाया. कई बार प्रयास करने के बाद भी वीरेंद्र ने गेट नहीं खोला. जिसके बाद होटल संचालक सुखविंदर सिंह ने नाका पुलिस को सूचना दी. दरवाजा तोड़े जाने पर वीरेंद्र का शव पंखे के हुक में पर्दे से लटकता मिला.
एसआई आशीष सिंह के मुताबिक शुरुआती जांच में पता चला कि वीरेंद्र निजी कम्पनी में काम करता था. कुछ दिन पहले नौकरी छूट गई. जिसे लेकर वह परेशान था. पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है.