Lucknow: केडीए के विकास क्षेत्र में 10 लाख तक की आबादी और बसाने का खाका मंजूर

शहर में 10 लाख की आबादी और बसाने की तैयारी

Update: 2024-06-27 07:27 GMT

लखनऊ: 2031 तक के लिए तैयार किए गए मास्टर प्लान के फाइनल ड्राफ्ट की केडीए बोर्ड बैठक से मंजूरी मिल गई. इसके लागू होने का रास्ता भी साफ हो गया है. अब शासन की मुहर लगनी है. इसके साथ ही शहर समेत केडीए के विकास क्षेत्र में 10 लाख तक की आबादी और बसाने का खाका भी मंजूर हो गया है.

मास्टर प्लान में आउटर रिंग रोड और कानपुर-आगरा हाईवे (एनएच-2) पर भी शहर के विस्तार का प्रस्ताव किया गया है. यहां भी आवासीय योजनाएं विकसित की जा सकेंगी. पहली बार मास्टर प्लान में हाईवे फेसेलिटी नाम से नया लैंड यूज प्रस्तावित है. इसके लिए रिंग रोड और एनएच-2 के दोनों ओर 300 मीटर की पट्टी भी प्रस्तावित है जहां होटल, स्कूल-कॉलेज, यूनिवर्सिटी, टेक्निकल कॉलेज, पेट्रोल पंप और सीएनजी पंपों का निर्माण हो सकता है. वहीं, फ्रेट कॉरिडोर के दोनों तरफ लॉजिस्टिक पार्क व औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का प्रावधान किया गया है. कानपुर देहात के माती और बनारअलीपुर की जमीनों को भी आवासीय किए जाने का प्रस्ताव है.

● आउटर रिंग रोड और कानपुर-आगरा हाईवे पर भी होगा शहर का विस्तार

● पहली बार हाईवे फेसिलिटी नाम से प्रस्तावित किया गया नया लैंड यूज

● फ्रेट कॉरिडोर के दोनों ओर लॉजिस्टिक पार्क व औद्योगिक क्षेत्र का प्रस्ताव

● रिंग रोड व हाईवे के दोनों तरफ 300 मीटर दायरे में होटल-शैक्षणिक संस्थान

चार आवासीय योजनाएं, बसेंगे 4.5 लाख लोग

मास्टर प्लान में न्यू कानपुर सिटी के साथ चकेरी और बिनगवां के साथ माती का भी लैंड यूज बदलने का प्रस्ताव किया गया है. आवासीय योजनाएं विकसित करने में यहां की जमीनें बाधक हैं जिनका लैंड यूज कृषि है. इसका प्रस्ताव वर्ष 2031 तक के लिए तैयार किए गए नए मास्टर प्लान के ड्राफ्ट में कर दिया गया है. यहां लगभग 4.5 लाख की आबादी बसाई जा सकेगी. कुलगांव, रूमा, चकेरी और न्यू कानपुर सिटी के लिए प्रस्तावित गांवों का लैंड यूज आवासीय योजनाओं के लिए ही बदलने का प्रस्ताव है. न्यू कानपुर सिटी से सेंट्रल एक्टिविटी खत्म किए जाने का प्रस्ताव हुआ है. पिछले मास्टर प्लान में यहां की जमीन कामर्शियल और सेंट्रल एक्टिविटी की थी. सेंट्रल एक्टिविटी के लिए अब लैंड यूज खत्म कर दिया गया है.

रिंग रोड के लिए प्रस्ताव: मास्टर प्लान में जिस पुरानी रिंग रोड को नए एलाइनमेंट में खत्म कर दिया गया है वहां का लैंड यूज बदला गया है. पहले रिंग रोड को 100 मीटर चौड़ी रोड रखी गई थी, मगर अब चौड़ाई 30 मीटर तक सीमित कर दी गई है. ऐसे ही पांडु नदी के दोनों तरफ 30-30 मीटर की जमीन को बफर जोन में तब्दील किया गया है, जहां सिर्फ वनीकरण ही हो सकता है.

बाहरी क्षेत्रों की तरफ बढ़ेगा शहर: नए मास्टर प्लान में शहर के चारों तरफ उन बाहरी क्षेत्रों का भी नगरीकरण किए जाने का प्रस्ताव है, जहां का लैंड यूज अभी तक कृषि था. इसमें मंधना रोड, हमीरपुर रोड, प्रयागराज रोड, बिठूर मार्ग, बिधनू, चकेरी और गंगा बैराज के आगे शुक्लागंज के 29 गांवों को भी शामिल किया गया है. ऐसा इसलिए भी किया गया है, क्योंकि मास्टर प्लान में शहर की आबादी 2031 तक 45 से 55 लाख तक पहुंचने का आकलन है. नई बढ़ने वाली संभावित आबादी को देखते हुए ही महाराजपुर के पास तक नगरीकरण का प्रस्ताव है. अभी तक रामा देवी चौराहे से दो किलोमीटर बाद की जमीनों का इस्तेमाल कृषि के रूप में दर्ज था, मगर अब वहां का लैंड यूज भी आवासीय में तब्दील किए जाने का प्रस्ताव है.

386 गांवों तक बढ़ जाएगी केडीए की सीमा: मास्टर प्लान में शहर का विस्तार करने का प्रस्ताव किया गया है. समूचा शहर 100 साल पुराने मोहल्लों के अलावा 85 गांवों तक सीमित है पर अब केडीए की सीमा में 307 गांव आ जाएंगे. बिठूर, कानपुर देहात और शुक्लागंज तक के गांवों को मिलाकर 386 गांवों में विकास का प्लान तैयार होगा.

आउटर रिंग रोड व फ्रेट कॉरिडोर भी शामिल: नए मास्टर प्लान में 5332.37 करोड़ की आउटर रिंग रोड और ईस्टर्न रेलवे फ्रेट कॉरिडोर को भी शामिल किया गया है. शहर के विस्तार और 2031 तक शहर की आवश्यकताओं को ड्राफ्ट में शामिल किया गया है. फ्रेट कॉरिडोर के दोनों तरफ इंटीग्रेटेड सिटी और तीन लॉजिस्टिक बनाने का प्रस्ताव भी है.

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