हरदोई में फर्जी तरीके से शिक्षकों की नियुक्ति के मामले में लोकायुक्त संगठन में हुई शिकायत पर तत्कालीन डीएम पुलकित खरे द्वारा कोई जवाब नहीं देने पर उनके खिलाफ अनुशासनिक जांच करने की संस्तुति की गई है। लोकायुक्त संगठन ने अपनी संस्तुति में कहा कि पुलकित खरे ने जानबूझकर आदेशों की अवलेहना की। वहीं शिकायत के संबंध में मांगी गई सूचना और अभिलेख लोकायुक्त संगठन को उपलब्ध न कराकर, अपने पदीय कर्तव्यों का निर्वहन ईमानदारी से नहीं किया
विधानसभा में बृहस्पतिवार को पेश की गई लोकायुक्त संगठन की वर्ष 2019 की रिपोर्ट में इस प्रकरण का भी उल्लेख किया गया है। लोकायुक्त संगठन ने इस मामले में दोषी लोक सेवक के खिलाफ जांच कराने और दोषी पाए जाने पर दंडित करने की संस्तुति की है। बता दें कि इस प्रकरण की शिकायत हरदोई निवासी राममोहन ने की थी। इसमें वर्ष 2011 में कस्तूरबा गांधी विद्यालय में शिक्षकों की फर्जी तरीके से हुई नियुक्तियों की शिकायत की गई थी।
राममोहन ने तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी मसीहुज्जमा सिद्दीकी, बीएसए कार्यालय के प्रधान लिपिक रामनाथ पर भ्रष्टाचार के साक्ष्य मिटाने का आरोप भी लगाया था। उल्लेखनीय है कि शिक्षकों के चयन के लिए गठित समिति में डीएम, सीडीओ और बीएसए शामिल थे। इस प्रकरण की जांच हरदोई के सिटी मजिस्ट्रेट ने पूर्व में की थी, हालांकि लोकायुक्त संगठन द्वारा बार-बार उसकी रिपोर्ट और संबंधित दस्तावेज मांगे जाने पर डीएम ने उपलब्ध नहीं कराया।