यूपी के लाखों किसानों को 12वीं किस्त तभी मिलेगी जब 31 अगस्त तक करवा लेंगे ये काम
यूपी के कई बड़े जिले ई-केवाईसी कराने में पिछड़ रहे हैं। इसमें खुद प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र बनारस 58वें स्थान पर है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूपी के कई बड़े जिले ई-केवाईसी कराने में पिछड़ रहे हैं। इसमें खुद प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र बनारस 58वें स्थान पर है। वहीं , आगरा सबसे अंतिम पायदान यानि 75वें स्थान पर है। कानपुर की स्थित लखनऊ से अच्छी है।
शासन द्वारा निर्धारित अंतिम तिथि 31 अगस्त तक केवाईसी नहीं कराई तो सूबे में 86 लाख से अधिक पीएम किसान निधि से वंचित रह जाएंगे। 12वीं किस्त किसानों के खाते में सितंबर में आएगी। ई-केवाईसी नहीं होने पर किस्त रुक जाएगी।
अलीगढ़ मंडल सूबे में सातवें स्थान पर पीएम किसान सम्मान निधि प्राप्त करने के लिएकिसानों की भूमि सत्यापन का डाटा अपलोड किया जा रहा है। प्रदेशभर में दो करोड़ 85 लाख 76 हजार 254 किसानों के भूलेख का डाटा अपलोड किया जाना है। 24 अगस्त तक एक करोड़ 99 लाख 31 हजार 405 किसानों का भूलेख ही अपलोड हो पाया है।
अपलोड किए जाने की स्थिति में प्रदेश के तमाम बड़े जनपद पिछड़े हुए हैं। अलीगढ़ मंडल की बात करें तो अलीगढ़ में 87.59 प्रतिशत भूलेख अपलोड किए जाने से प्रदेश में सातवें स्थान पर है। इसके साथ ही एटा, हाथरस, कासंगज में भी 70 से ऊपर ई-केवाईसी हो चुकी है।
किसान भी नहीं दिखा रहे रूचि
प्रदेश में ई-केवाईसी में कई जिलों में 90 तक ई-केवाईसी हो चुकी है तो कुछ में यह ग्राफ 30पर ही अटक गया है। इसकी मुख्य वजह सरकारी मशीनरी द्वारा ही ढिलाई है तो कहीं किसान ही रूचि नहीं दिखा रहे हैं। अच्छा काम करने वाले जिलों की तरह ही अगर अन्य जनपद कार्य करें तो पूरा यूपी ई-केवाईसी में अव्वल आ सकता है।
जागरुकता की कमी के चलते नहीं हो सकी ई-केवाईसी
संयुक्त कृषि निदेशक रामबाबू ने बताया कि प्रदेश में ई-केवाईसी कराने की अंतिम तारीख 31 जुलाई थी लेकिन किसानों द्वारा ई-केवाईसी कराने में जागरुकता की कमी रही तो पहले 25 अगस्त और अब अंतिम तारीख 31 अगस्त कर दी गई है।
जिले प्रतिशत
आगरा 32.24
मेरठ 22.41
खीरी 30.09
हरदोई 70.00
कानपुर नगर 67.00
बस्ती 46.06
लखनऊ 51.32
वाराणसी 62.62
फिरोजाबाद 45.95
बरेली 53.53
जिले प्रतिशत
अमरोहा 90.33
मिर्जापुर 81.38
बहराइच 96.67
झांसी 96.03
अंबेडकर नगर 92.43
कन्नौज 93.76
आजमगढ़ 97.66
जौनपुर 98.13
बुलंदशहर 96.72
मऊ 88.23