किरेन रिजिजू के बयान ने जगाई उम्‍मीद, इन प्राइमरी टीचर्स की पुरानी पेंशन होगी बहाल, जानें क्‍या बोले न्‍याय मंत्री

पुरानी पेंशन की बहाली हाल में सम्‍पन्‍न उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान बड़ा मुद्दा रही।

Update: 2022-08-06 02:48 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पुरानी पेंशन की बहाली हाल में सम्‍पन्‍न उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान बड़ा मुद्दा रही। समाजवादी पार्टी के अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार बनने पर इसका वादा किया था। इसे उनका गेम चेंजर प्‍लान माना जा रहा था। बहरहाल, चुनाव में अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी को तो सफलता नहीं मिली लेकिन अब यूपी के करीब 45 हजार प्राइमरी शिक्षकों को पुरानी पेंशन की बहाली की उम्‍मीद जगी हैै।

ऐसा इसलिए हुआ है क्‍योंकि नई पेंशन योजना लागू होने से पहले विज्ञापित पदों पर एक जनवरी 2004 के बाद चयनित कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने की केंद्र सरकार की तैयारी है। इससे उत्तर प्रदेश के 45 हजार परिषदीय शिक्षकों को भी उम्‍मीद है कि सरकार उनके लिए पुरानी पेंशन बहाल करेगी।
केंद्रीय विधि और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में एक प्रश्न का जवाब देते हुए 28 जुलाई को स्पष्ट किया है कि एक जनवरी 2004 से पूर्व विज्ञापित पदों पर चयनित कर्मियों को पुरानी पेंशन का आदेश जारी करने में कोई कानूनी बाधा नहीं है।
केंद्र सरकार ने एक जनवरी 2004, जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने एक अप्रैल 2005 को नई पेंशन योजना लागू की थी। यूपी में विशिष्ट बीटीसी 2004 बैच का विज्ञापन नई पेंशन योजना लागू होने से लगभग सवा साल पहले 14 जनवरी 2004 को जारी हुआ था लेकिन चयनित 45,660 शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बाद में दिसंबर 2005 और जनवरी 2006 में मिलने के कारण उन्हें अब तक पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिल सका है। विधि मंत्री के जवाब के बाद विशिष्ट बीटीसी बैच के चयनित शिक्षकों ने भी विधिक राय लेनी शुरू कर दी है।
इससे पहले भी ये शिक्षक हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई लड़ चुके हैं लेकिन सफलता नहीं मिली। अब विधि मंत्री के बयान के बाद ये शिक्षक केंद्र सरकार की ओर से आदेश जारी होने का इंतजार कर रहे हैं। आदेश के बाद ये शिक्षक भी अपने हक की आवाज तेज करेंगे।
इनका कहना है
एक बार फिर से पुरानी पेंशन का मामला जीवन्त हो चला हैं। राज्य के शिक्षक-कर्मचारी लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग कर रहे थे। हम एक बार फिर इस मसले पर आगे बढ़ेंगे।
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