Kanpur: नए सर्किल रेट के प्रस्तावों पर आपत्तियां दाखिल करने का समय खत्म

समूचे शहर के फ्लैट हो जाएंगे और महंगे

Update: 2024-08-13 04:51 GMT

कानपूर: जिले के शहरी क्षेत्र के लिए नए सर्किल रेट के प्रस्तावों पर आपत्तियां दाखिल करने का समय खत्म हो गया. आखिरी दिन तक कुल 48 आपत्तियां दर्ज कराई गईं हैं. इसमें अकेले छह आपत्तियां दर्ज हुईं. सबसे ज्यादा आपत्ति और विरोध नोएडा और गाजियाबाद की तर्ज पर ग्रुप हाउसिंग स्कीम के अंतर्गत आने वाली जमीनों के रेट में 30 प्रतिशत बढ़ोतरी का है. आपत्ति करने वालों का कहना है कि ऐसे तो सिर्फ पॉश इलाको के ही ही नहीं बल्कि समूचे शहर में बने फ्लैट महंगे हो जाएंगे. चाहे वो फ्लैट यशोदा नगर जैसे बाहरी इलाके में बने हों या स्वरूप नगर में बनाए गए हों.

आपत्तियों में यह भी कहा गया है कि नोएडा और गाजियाबाद की स्थिति कानपुर से अलग है. वहां बहुमंजिला फ्लैटों की भरमार है. बल्कि वहां के अधिकांश इलाकों में ऐसी स्कीम है. कानपुर में कम आय वर्ग के लोग ज्यादा हैं. अगर यहां सारे फ्लैट महंगे हो गए तो आम आदमी की पहुंच से बाहर हो जाएंगे.

इन प्रस्तावों का भी व्यापक विरोध दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा आपत्ति एक साथ बड़े भूखंडों को खरीदने पर रजिस्ट्री में मिलने वाली छूट खत्म करने का है. पहले बल्क में एक हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल की जमीन खरीदने पर रजिस्ट्री में छूट मिलती थी. अब यह छूट कम हो गई है. तीसरे नंबर पर सबसे ज्यादा आपत्ति व्यवसायिक संपत्ति से 50 मीटर दूरी व करीब में आवासीय संपत्ति पर रेट बढ़ोत्तरी पर आई है. अभी तक ऐसी व्यवस्था नहीं थी कि व्यावसायिक संपत्ति (मॉल, शॉपिंग काम्पलेक्स) आदि के बगल में आवासीय संपत्ति खरीदने पर सर्किल रेट बढ़ जाए. क्षेत्र के सर्किल रेट के हिसाब से ही जमीन की कीमत हुआ करती थी. अब व्यावसायिक संपत्ति के ठीक बगल में आवासीय जमीन लेने वाले को नए सर्किल रेट का 50 प्रतिशत और 50 मीटर की दूरी पर आवासीय संपत्ति लेने पर 30 प्रतिशत देना होगा. अधिवक्ताओं ने इसका व्यापक विरोध किया है. सिविल लाइंस, आर्य नगर और जनरलगंज के लोगों ने ज्यादा आपत्तियां दर्ज कराई हैं क्योंकि इन्हीं का सर्किल रेट ज्यादा बढ़ाना है.

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