नोएडा न्यूज़: राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) ने विवाद की जांच के लिए दो कमेटी गठित की हैं. एक कमेटी विवाद के कारणों का पता लगाएगी. दूसरी कमेटी तोड़फोड़ में हुए नुकसान का आकलन करेगी. जिम्स प्रबंधन ने जीबीयू के सुरक्षाकर्मियों की गलती मानी है. उन्होंने पुलिस से मांग की कि इस मामले में कठोर कार्रवाई की जाए.
इस विवाद को लेकर जिम्स के निदेशक डॉ. राकेश गुप्ता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपना पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि झगड़े की सूचना मिलने पर जिम्स के वार्डन डॉ. मानवेंद्र वैद्य सुरक्षाकर्मियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने स्थिति को काबू करने का प्रयास किया, लेकिन गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों ने किसी की नहीं सुनी. उनकी संख्या अधिक थी. उन्होंने हॉस्टल में घुसकर छात्रों के साथ मारपीट की. छात्रों को बुरी तरह मारा. हॉस्टल को क्षतिग्रस्त कर दिया. वार्डन की कार को तोड़ दिया. इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई, तब जाकर मामला काबू में आया.
डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि यह मामला बहुत गंभीर है. इसको लेकर दो जांच कमेटी गठित की गई हैं. डॉ. सत्येंद्र कुमार की अध्यक्षता में गठित पहली कमेटी विवाद के कारणों का पता लगाएगी. वह यह जानने का प्रयास करेगी कि आखिर ऐसी स्थिति कैसे बन गई. दूसरी कमेटी डॉ. रंजना वर्मा की अध्यक्षता में गठित की गई है. यह कमेटी तोड़फोड़ में हुए नुकसान का आकलन करेगी. दोनों कमेटियों से शाम तक रिपोर्ट मांगी है. उम्मीद है कि समय पर रिपोर्ट मिल जाएगी.
सुरक्षाकर्मियों का रवैया बिल्कुल गलत
डॉ. राकेश गुप्ता ने कहा कि पुलिस से मांग की गई है कि इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए. गौतमबुद्ध विश्वविद्यालय के सुरक्षाकर्मियों का रवैया बिल्कुल गलत है. जिम्स के चार छात्रों को अधिक चोट आई है. एक का इलाज आईसीयू में चल रहा है. सुरक्षाकर्मियों ने फायरिंग कर दी. यह बहुत ही गंभीर विषय है. छात्रों के धरने पर बैठने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह उनसे बात कर रहे हैं. छात्र की मांग है कि वह जीबीयू के हॉस्टल में नहीं रहेंगे. पुलिस ने जो छात्र पकड़े हैं, उनको छुड़वाने की मांग गई थी.