ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने को आधा दर्जन जनपदों को भूमि उपलब्ध कराने के निर्देश
लखनऊ: प्रदेश में ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के आस-पास पर्यटकों के लिए बुनियादी सुविधाएं सुलभ कराने के उद्देश्य से पीलीभीत, बिजनौर, बलिया, बराइच जनपदों में चिन्हित भूमि के प्रस्ताव शीघ्र उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिये गये हैं। ईको-टूरिज्म के बढ़ते प्रचलन को देखते हुए राज्य सरकार इस पर विशेष फोकस कर रही है। इसके लिए ईको-टूरिज्म बोर्ड का गठन करते हुए लगभग 18 विभाग कार्य कर रहे हैं।
यह जानकारी पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने आज यहां देते हुए बताया कि कोरोना कालखण्ड के पश्चात प्रदेश में ईको-पर्यटन की दृष्टि से कई महत्वपूर्ण स्थल चिहिन्त किये गये हैं। इन स्थलों को वन विभाग तथा अन्य विभागों के सहयोग से विकसित किये जाने का निर्णय लिया गया है। इन चर्चित पर्यटन स्थलों के समीप निर्माण कार्य के अलावा बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए सम्बंधित जनपदों के जिलाधिकारियों को पत्र प्रेषित कराया गया है।
पर्यटन मंत्री ने बताया कि जनपद पीलीभीत में पीलीभीत टाइगर रिजर्व के पास 5 से 10 एकड़ भूमि का प्रस्ताव उपलब्ध कराने के लिए जिलाधिकारी को पत्र प्रेषित कराया गया है। इसी प्रकार अमानगढ़ टाइगर रिजर्व के पास 5 से 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव जिलाधिकारी बिजनौर को दिसम्बर, 2022 में भेजा गया है।
इसी प्रकार कतरनियाघाट वन्य जीव बिहार के निकट 10 से 15 एकड़ भूमि के प्रस्ताव के लिए कहा गया है। सुराहाताल जनपद बलिया से भी 10 से 15 एकड़ भूमि उपलब्ध कराने का प्रस्ताव के लिए जिलाधिकारी को 28 दिसम्बर, 2022 को पत्र भेजा गया है। पर्यटन मंत्री ने बताया कि जनपद महाराजगंज से 15 एकड़ गैर कृषि सीलिंग की भूमि उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है। इसी तरह रानीपुर टाइगर रिजर्व के निकट 91.103 हे0 भूमि विभिन्न ग्रामों में चिन्हित की गयी है।
श्री जयवीर सिंह ने बताया कि जनपद लखीमपुर खीरी दुधवा नेशनल पार्क के निकट 14 हे0 भूमि क्रय के लिए प्रस्तावित की गयी है। इस भूमि के निरीक्षण की कार्यवाही की जानी है। इसके अतिरिक्त जनपद लखीमपुर खीरी में शारदा बैराज के निकट सिंचाई विभाग की भूमि ईको-टूरिज्म के लिए हस्तांतरित किये जाने की कार्यवाही की जा रही है।