Agra: अदालत ने माथुर फार्म हाउस पर प्रति पेड़ एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया

"छह आरोपियों को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी"

Update: 2024-12-30 06:23 GMT

आगरा: दयालबाग के माथुर फार्म हाउस में काटी गई हरियाली पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायमूर्ति ने शीर्ष समिति की रिपोर्ट का अवलोकन कर उनकी सिफारिशें भी स्वीकार कर लीं. कोर्ट ने पेड़ कटाने के मामले में फार्म हाउस के मालिक पर 17 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए छह आरोपियों को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया है. ये सभी निर्धारित वक्त में अपना पक्ष रखेंगे. वहीं, टीटीजेड में पेड़ की गणना पर अगली सुनवाई 18 को होगी.

विदित हो कि 12 अक्तूबर की रात नौ बजे वन दरोगा सतेंद्र सिंह पेड़ कटाने की सूचना पर दयालबाग स्थित माथुर फार्म हाउस पहुंचे थे. मौके पर उन्होंने पाया कि 17 हरे पेड़ काटकर उनकी लकड़ी को हटा दिया गया है. स्थानीय लोगों से पूछताछ पर ज्ञात हुआ कि मजदूर व जेसीबी की सहायता से पेड़ों को यहां से हटाया गया है. विभाग ने उत्तर प्रदेश वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1976 के तहत मुकदमा दर्ज किया था. 13 अक्तूबर को न्यू आगरा थाने में आकाश माथुर, आशीष माथुर, मनोज शर्मा, प्रेम सिंह बघेल, राजन सिंह यादव, अब्दुल सलाम के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था. इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. मामला चर्चाओं में आने के बाद पर्यावरणविद् डॉ. शरद गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली. याचिका दायर कर मथुरा के डालमिया बाग, आगरा के माथुर फार्म हाउस सहित टीटीजेड में 700 से अधिक स्थानों पर 15 हजार से अधिक पेड़ काटने का मामला उठाया. सुप्रीम कोर्ट ने डालमिया बाग पर यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे.

माथुर फार्म हाउस की जांच शीर्ष समिति को सौंपी थी. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर छह को सुप्रीम कोर्ट की शीर्ष समिति के सदस्य चंद्र प्रकाश गोयल और डॉ. जेआर भट्ट जांच के लिए आगरा आए. उन्होंने माथुर फार्म हाउस का निरीक्षण किया. सदस्यों ने वन विभाग की जांच आख्या, आरोपियों पर दर्ज मुकदमे की कॉपी, तहसीलदार से प्राप्त खतौनी, निरीक्षण के दौरान तीन लोगों के लिखित बयान, फार्म हाउस के ऑनर का लिखित बयान, फार्म हाउस में काटे गए पेड़ों की सूची, फार्म हाउस में शेष पेड़ों की सूची प्राप्त की थी. फार्म हाउस के स्वामी आकाश माथुर ने भी स्वीकारा था कि पेड़ों को उनकी जानकारी में हटाया गया था. उन्हें टीटीजेड के नियमों की जानकारी नहीं थी. हटाए गए पेड़ सूखे, फल न देने व दीमक लगे हुए थे. उक्त भूमि का उपयोग लॉन विकसित के लिए हो रहा है. यहां कॉलोनी विकसित नहीं हो रही है. शीर्ष समिति ने प्राप्त दस्तावेज और सूचनाओं की जांच के आधार पर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की थी. पर्यावरणविद् डॉ. शरद गुप्ता ने बताया कि इस मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. न्यायामूर्ति ने शीर्ष समिति द्वारा पेश की गई, सिफारिशों का अवलोकन किया. उन्हें स्वीकार करते हुए फार्म हाउस में पेड़ कटान के आरोपी आकाश माथुर, आशीष माथुर, मनोज शर्मा, प्रेम सिंह बघेल, राजन सिंह यादव, अब्दुल सलाम को कोर्ट की अवमानना का नोटिस जारी किया है. इन्हें दिए समय पर में अपना जवाब दाखिल करना होगा.

एक पेड़ का एक लाख रुपये जुर्माना शीर्ष समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट से सिफारिश की थी कि वन विभाग के मुताबिक माथुर फार्म हाउस में 17 पेड़ नीम, नींबू, पुत्रजीवा, जामुन, फाइकस बेंजामिना, शहतूत, मोलश्री, एल्स्ट्रोनिया, कठसागौन, कनकचंपा, मौसमी, किन्नू प्रजाति के काटे गए थे. फार्म हाउस के मालिक पर एक पेड़ के बदले कम से कम एक लाख रुपये जुर्माना लगाया जाए.

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