25 की जगह 50 प्रतिशत अग्निवीर सैनिकों को चार साल बाद रखने की भी उठी मांग
मेरठ न्यूज़: केन्द्र सरकार की अग्निवीर योजना में पहली बारी में पूरे देश से 25 हजार युवाओं को सेना में भर्ती किया जा रहा है। इनमें उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से भी अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा दे रहे हैं। कुछ दिन पहले मुजफ्फरनगर में लगे भर्ती कैंप में इन युवाओं का मेडिकल व फिजिकल टेस्ट हो गया था। इसमें पास होने वाले चार हजार अभ्यर्थियों की रविवार को लिखित परीक्षा हुई। लिखित परीक्षा में शामिल होने पहुंचे युवा शनिवार रात से ही परीक्षा सेंटर पर जमा हो गए थे। रात 10 बजे इन्हें सेंटर में प्रवेश देने की प्रक्रिया आरंभ हो गई थी, जो रविवार सुबह पांच बजे तक चली। परीक्षा में शामिल होने आए युवाओं ने योजना को लेकर अपनी बात रखी. अभ्यर्थी गौरव ने बताया कि योजना तो सही है, लेकिन महज चार साल नौकरी करनें का अवसर मिलेगा यह ठीक नहीं। हम देश की सेवा करना चाहते हैं, काफी लंबे समय से फौज में जाने की तैयारी कर रहे थे, लेकिन अब मौका मिला है तो वह भी केवल चार सालों के लिए। चार साल में तो हम पूरी तरह सैनिक बन भी नहीं पाएंगे। अभी तो हम मेडिकल व फिजिकल परीक्षा में पास हुए हैं।
अतुल ने बताया कि केवल चार साल के लिए नौकरी मिल रही है। इससे संतुष्टि तो नहीं है, लेकिन कर भी क्या सकते हैं। साल में दो बार भर्ती होगी, पहली बार में 25 हजार वैकेंसी है। जिसमें मौका मिला है तो यह सही है। मगर चार साल बाद केन्द्र सरकार ने जो छंटनी करने की बात कही है। 25 प्रतिशत अग्निवीरों को रखा जाएगा जो अपनी नौकरी में अच्छा काम करेंगे। जबकि 75 प्रतिशत अग्निवीरों को बाहर कर दिया जाएगा। बाहर होने वाले युवाओं का भविष्य क्या होगा? इसकी कोई गारंटी नहीं हैं। कम से कम 50 प्रतिशत अग्निवीरों को रखा जाना चाहिए। अरविंद का कहना है कि केन्द्र सरकार की अग्निवीर योजना सही नहीं है तो गलत भी नहीं हैं। यह युवाओं को फायदा भी दे सकती है और सरकार को भी। योजना में पेंशन का कोई प्रावधान नहीं है, जो गलत है। जब एक विधायक पांच साल के लिए एक बार चुना जाता है तो उसकी पेंशन पूरी जिंदगी के लिए बनती हैं। साथ ही वह अपनी विधायकी में जो गलत तरीके से कमाता है, वह अलग है। ऐसे में हम देश के लिए अपनी जिंदगी दांव पर लगाने को तैयार है, लेकिन हमारे लिए पेंशन क्यों नहीं है? एक सैनिक अपने देश की रक्षा के लिए दिन-रात बार्डर पर तैनात रहता है।
अग्निवीरों को इस तरह मिलेगी तनख्वाह: परीक्षा में पहुंचे अग्निवीरों ने बताया कि उन्हें पहले साल 21 हजार, दूसरे साल 23 हजार, तीसरे साल 25 हजार व चौथे साल 30 हजार रुपये प्रतिमाह तनख्वाह मिलेगी। साथ ही जिन 75 प्रतिशत सैनिकों को चार साल बाद रिटायर कर दिया जाएगा। उन्हें 12 लाख एकमुश्त धनराशि दी जाएगी। केन्द्र सरकार का तर्क है कि 12 लाख रुपये में रिटायर हुए युवा अपना कोई भी काम शुरू कर सकते हैं, लेकिन क्या इतनी धनराशि किसी भी काम को शुरू करने के लिए काफी है।
कोरोना की वजह से बढ़ी दो साल उम्र: अग्निवीर योजना में चयन के लिए युवाओं की आयु की सीमा 18 से 23 साल तक हैं। जबकि पहले सेना में भर्ती के लिए यह 18 से 21 वर्ष के युवाओं के लिए होती थी। दो साल का एक्सेटेंशन कोरोना की वजह से दिया गया है जो सही भी है। हालांकि लंबे समय से जो युवा सेना में भर्ती होने का सपना देख रहे थे, लेकिन वैकेंसी नहीं आनें से उनकी आयु 23 साल से अधिक हो गई है, उनके लिए योजना का कोई लाभ नहीं है। ऐसे युवाओं की संख्या भी अच्छी-खासी है, लेकिन वह अब क्या करेंगे उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती यही है।