मेरठ: प्रतिबंधित आॅक्सीटोसिन एक हार्मोन है जो समय से पहले ही वयस्कता बढ़ाता है। यह हार्मोन भारत में पूरी तरह प्रतिबंधित है लेकिन इसका प्रयोग आज भी धड़ल्ले से हो रहा है। डेरियों पर पाले जाने वाले दुधारू पशुओं से ज्यादा दूध लेने के लिए इसका इंजेक्शन लगाया जाता है। जबकि आमतौर पर घरों में बनने वाली सब्जियों का आकार बढ़ानें के लिए उनपर इसका छिड़काव किया जाता है। यह एक घातक हार्मोन है जिससे शरीर के आर्गन्स पर खतरनाक प्रभाव पड़ता है।
सब्जियों का आकार बढ़ाने के लिए भी होता है प्रयोग
आक्सीटोसिन हार्मोन का प्रयोग सब्जियों को जल्दी बड़ा करने में भी होता है। जानकारों का कहना है जिन सब्जियों का आकार सामान्य से अधिक होता है उनमें हार्मोन देने की संभावना अधिक रहती है। साथ ही सामान्य से ज्यादा आकार के फलों में भी इसके प्रयोग होने की प्रबल संभावना होती है।
हार्मोन युक्त सब्जियों को तो पकाकर खाया जाता है लेकिन फलों के मामले में खुद को ही सावधानी बरतनी होगी। कभी भी ज्यादा बड़े आकार के फलों को न खरीदें। जहां तक हो सके सामान्य आकार व मौसमी फलों को ही खाया जाए।
दुधारू पशुओं से ज्यादा दूध लेने के लिए दिया जाता है हार्मोन
दूध का इस्तेमाल हर घर में होता है, आमतौर पर लोग अपनी आंखों के सामने निकला दूध लेना ज्यादा पसंद करते है। लेकिन जिन पशुओं से दूध प्राप्त किया जाता है उनसे अधिक दूध लेने के लिए आॅक्सीटोसिन हार्मोन दिया जाता है। ऐसा माना जाता है
इस हार्मोन की वजह से पशु ज्यादा दूध देते है। लेकिन यह हार्मोन दूध के साथ इंसानों के शरीर में प्रवेश कर लेता है जिसके घातक परिणाम सामने आते है। आॅक्सीटोसिन हार्मोन युक्त दूध के सेवन से बच्चे जल्दी वयस्कता की ओर बढ़ने लगते है।
किशोरियों के लिए ज्यादा खतरनाक
जिस दूध को बच्चों के लिए फायदेमंद बताया जाता है और माता-पिता बड़ी चाह से बच्चों के लिए डेरियों से दूध लेकर आते है वह इस बात से अंजान होते है कि जो दूध वह अपने बच्चों के शारीरिक विकास के लिए दे रहे है वह खतरनाक है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव किशोरियों पर पड़ता है।
आमतौर पर 14 साल के बाद किशोरियों के शरीर में बदलाव होता है, लेकिन हार्मोन युक्त दूध पीने से वह समय से पहले ही वयस्कता की ओर बढ़ने लगती है। उनके शरीर के सभी अंग समय से पहले ही विकसित होने लगते है। उम्र तो कम होती है लेकिन शरीर विकसित होने से पहले ही वह वयस्क लगने लगती है। इसके साथ ही किशोरों के सीने में भी बदलाव होने लगता है जिससे वह जल्दी बड़े लगने लगते है।
गर्भवती महिलाओं के लिए बढ़ जाता है खतरा
गर्भवती महिलाओं को दूध दिया जाता है जिससे उनका स्वास्थ्य अच्छा रहे और उनके गर्भ में पल रहे बच्चे का भी सही तरीके से विकास हो सके। लेकिन आॅक्सीटोसिन युक्त दूध पीने से इन महिलाओं में अबार्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही जो महिलाएं अपने दुधमुहें बच्चों को दूध पिलाती है उनमें भी हार्मोन युक्त दूध पीने से दूध की कमी होने लगती है।
यह बरते सावधानियां
डेरी से दूध लेते समय यह सुनिश्चित कर ले कि जिस पशु का दूध आप लेकर जा रहे है उस पशु को हार्मोन का इंजेक्शन तो नहीं दिया गया है। इसके साथ ही डेरी से दूध घर ले जाने के बाद उसे अच्छे से पकाना चाहिए। इससे दूध में यदि आॅक्सीटोसिन हार्मोन का प्रभाव है तो वह खत्म हो जाता है।
आक्सीटोसिन एक हार्मोन है जिसका प्रयोग दुधारू पशुओं से अधिक दूध लेने के लिए हो रहा है। जबकि यह पूरी तरह प्रतिबंधित है। दूध के साथ यह इंसान के शरीर में प्रवेश कर लेता है जिससे किशोरों के जल्द वयस्क होने की संभावना बनी रहती है। जबकि बड़ों में यह हार्मोन हर समय थकान जैसे लक्षण पैदा करता है। दूध व फल सब्जियों को लेने से पहले सुनिश्चित कर ले कि उनमें यह हार्मोन न हो। -डा. आभा गुप्ता, एचओडी मेडिसिन विभाग मेडिकल कॉलेज
ड्रग विभाग ने पकड़े आठ लाख के आक्सीटोसिन इंजेक्शन
प्रतिबंधित आक्सीटोसिन इंजेक्शन का दुधारू पशुओं व सब्जियों में धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है। बुधवार को सहायक आयुक्त औषधि मेरठ मंडल के निर्देश पर मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर हापुड़ में औषधि निरीक्षक अतिरिक्त प्रभार हापुड़ पीयूष कुमार द्वारा अवैध रूप से भंडारण व वितरण और बेचने के लिए तैयार किए जा रहे 200 वॉयल आॅक्सीटोसिन इंजेक्शन को जब्त किया गया।
साथ ही इस धंधें में लिप्त दो व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। जब्त किए गए इंजेक्शनों का नमूना जांच को भेजा गया है। डीआई पियुष कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कार्रवाई में लगभग 7 लाख 90 हजार रूपये मूल्य के तैयार व अधबने आॅक्सीटोसिन इंजेक्शन जब्त किए गए। पकड़े गए इंजेक्शनों का सैंपल राजकीय प्रयोगशाला को भेजा गया है जिसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई करते हुए सक्षम न्यायालय में वाद दायर कराया जाएगा।