यूपी में महिला ने डॉक्टर को नहीं दी रिश्वत तो पेट में ही छोड़ दिया स्पंज

Update: 2023-08-10 03:59 GMT

फिरोजाबाद – फिरोजाबाद मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल में दो वर्ष पूर्व ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में स्पंज रह जाने के मामले में न्यायालय ने तत्कालीन प्राचार्य समेत आठ डॉक्टरों को पांच सितंबर को पेश होने के आदेश दिये हैं।

ज्ञातव्य है कि फिरोजाबाद के सुहाग नगर निवासी अंकिता भारद्वाज को प्रसव पीड़ा होने पर परिजनों ने 22 फरवरी 2021 को उसे मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। अंकिता का आरोप है चिकित्सक कनुप्रिया शर्मा ने उससे अवैध धन की मांग की। चिकित्सक की मांग पूरी न करने पर ऑपरेशन के दौरान चिकित्सक तथा उनके सहयोगियों ने जानबूझकर पेट में स्पंज छोड़कर टांके लगा दिए।

परेशानी होने पर महिला अस्पताल पहुंची। चेक कर बताया गया कि स्पंज पेट में रह गई है। बाद में ऑपरेशन कर उसे निकाला गया। स्पंज आंतों में चिपक गई थी जिसके कारण चिकित्सक ने आंत का कुछ भाग काट दिया। उसके बाद भी महिला को आराम नहीं मिला।

महिला का कहना है 22 फरवरी से 13 अक्टूबर तक उसके चार ऑपरेशन किए गए। पीड़िता का कहना है कि वह अब कभी मां नहीं बन सकेगी।

अंकिता भारद्वाज ने न्यायालय में परिवाद दाखिल किया। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मीनाक्षी सिन्हा ने कहा है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी की जांच आख्या में सर्जिकल स्पंज का छूटना स्वीकार किया गया है यद्यपि उसे मानवीय भूल कहा गया है लेकिन जिम्मेदारी सामूहिक मानी गई है।

इस भूल से प्रार्थिया का जीवन संकट में पड़ गया तथा संभवत भविष्य में कभी मां नही बन सकती इस आधार पर प्रथम दृष्टया अपराध कार्य किया जाना परिलक्षित होता है। इस प्रकार पत्रावली पर उपलब्ध साक्षियों के प्रकाश में विपक्षी गण को तलब करने का पर्याप्त आधार है।

न्यायालय ने डॉक्टर कनुप्रिया शर्मा, डॉक्टर रोहित बाबू, डॉक्टर सरीना, डॉ नितिन अग्रवाल, डॉक्टर दिव्या चौधरी, ओटी टेक्नीशियन मानसी, डॉक्टर प्रेरणा जैन तथा तत्कालीन प्राचार्य मेडिकल कॉलेज संगीता अनेजा को धारा 336, 337 तथा 338 के तहत तलब कर 5 सितंबर को न्यायालय में पेश होने के सम्मन जारी किए हैं।

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