यूपी सरकार की महत्वपूर्ण फैसला, दिवंगत सरकारी कर्मचारी की निशक्त संतान जीवन भर पारिवारिक पेंशन की हकदार

शासन ने राज्य सरकार के सेवानिवृत्त या मृत कर्मचारियों व पेंशनरों की मानसिक या शारीरिक निशक्तता से ग्रस्त संतान को पारिवारिक पेंशन के संबंध में आय के मानदंड तय किए हैं।\

Update: 2022-06-16 01:57 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। शासन ने राज्य सरकार के सेवानिवृत्त या मृत कर्मचारियों व पेंशनरों की मानसिक या शारीरिक निशक्तता से ग्रस्त संतान को पारिवारिक पेंशन के संबंध में आय के मानदंड तय किए हैं। जारी शासनादेश में कहा गया है कि दिवंगत सरकारी कर्मचारी या पेंशनभोगी की निशक्त संतान जीवन भर पारिवारिक पेंशन की हकदार होगी।

आदेश के अनुसार यदि निशक्त संतान की समग्र आय साधारण दर पर स्वीकार्य पारिवारिक पेंशन व उस पर स्वीकार्य महंगाई राहत से कम है तो उसे यह लाभ मिलेगा। ऐसे मामलों में वित्तीय लाभ इस शासनादेश के जारी होने की तिथि से देय होगा और सरकारी कर्मचारी, पेंशनभोगी या पूर्व पेंशनभोगी की मृत्यु की तारीख से शुरू होने वाली अवधि के लिए कोई बकाया स्वीकृत नहीं होगा।
अब जमीन दान देने वालों के नाम से अस्पतालों का हो सकेगा नामकरण
स्वास्थ्य विभाग अब आबादी क्षेत्र में जमीन खरीद कर नया अस्पताल बना सकेगा। यदि कोई व्यक्ति अपनी जमीन अस्पताल के लिए दान करता है तो संबंधित अस्पताल का नामकरण उसके या उसके परिजन के नाम पर किया जा सकेगा। इस संबंध में नई नियमावली बनाई गई है। इस नियमावली को मंगलवार को कैबिनेट बैठक में मंजूरी दे दी गई है।
प्रदेश में अब तक सरकारी अस्पतालों का निर्माण ग्राम समाज अथवा अन्य सरकारी जमीन पर किया जाता है। यह जमीन आबादी क्षेत्र से काफी दूर होती है। ऐसे में यहां चिकित्सक व चिकित्साकर्मी रहने से कतराते हैं। सुनसान इलाके में अस्पताल होने से उनकी सुरक्षा भी प्रभावित होती है। स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में यह बात सामने आई कि यदि आबादी क्षेत्र में अस्पताल रहे तो उसके रखरखाव व सुरक्षा की बेहतर व्यवस्था हो सकेगी और स्टॉफ भी रुकने से परहेज नहीं करेगा। इसके मद्देनजर स्वस्थ्य विभाग ने अस्पताल निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण एवं क्रय किए जाने के संबंध में नई नियमावली तैयार की है। इस नियमावली के तहत आबादी क्षेत्र में अब स्वास्थ्य विभाग जमीन खरीद कर अस्पताल बनवा सकेगा।
इसी तरह यह भी विकल्प दिया गया है कि यदि कोई व्यक्ति आबादी क्षेत्र की जमीन दान में देता है तो संबंधित अस्पताल का नामकरण उसके या उसके परिजन के नाम से किया जा सकेगा। भू स्वामी अस्पताल के लिए आबादी क्षेत्र की जमीन दान करके उतनी ही सरकारी जमीन दूर दराज हासिल भी कर सकता है। नई नियमावली में यह भी व्यवस्था की गई है कि नए अस्पताल का निर्माण कराते वक्त यह देखा जाएगा कि संबंधित क्षेत्र के एक किलोमीटर के दायरे में पहले से कोई सरकारी अस्पताल न हो। इसी तरह सामुदायिक एवं जिला अस्पताल से भी दूरी के मानक तय किए गए हैं।
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