ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले की सुनवाई शुरू, थोड़ी देर में आ सकता है फैसला, कोर्ट के बाहर सुरक्षा बढ़ाई गई

वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के मामले में कोर्ट कमिश्नर को हटाने की अपील पर आज कोर्ट का फैसला थोड़ी देर में आ सकता है.

Update: 2022-05-12 06:39 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे (Gyanvapi Masjid Survey) के मामले में कोर्ट कमिश्नर को हटाने की अपील पर आज कोर्ट का फैसला थोड़ी देर में आ सकता है. फिलहाल कोर्ट में सुनवाई चल रही है और इसको देखते हुए कोर्ट की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है. सिविल जज की कोर्ट में 7 मई से चल रही बहस बुधवार को पूरी हो गई और फैसले को सुरक्षित रखते हुए कोर्ट ने इस पर सुनवाई के लिए गुरुवार की तारीख तय की है. बुधवार को ही फैसला आने की संभावना को देखते हुए कोर्ट परिसर की सुरक्षा पिछले दिनों की अपेक्षा ज्यादा कड़ी कर दी गई थी. लेकिन आज कोर्ट की सुरक्षा को और बढ़ा दिया गया है. गौरतलब है कि पिछले दिनों सर्वे ( Survey) के दौरान मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का विरोध किया था और कोर्ट कमिश्नर पर पक्षपात का आरोप लगाया था.

जानकारी के मुताबिक थोड़ी देर के बाद इस पर फैसला आ सकता है. दरअसल बुधवार को लगातार दो घंटे चली बहस में अधिवक्ता सुधीर कुमार त्रिपाठी, वादी राखी सिंह और विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट के अधिवक्ताओं ने विपक्षी पक्ष के अधिवक्ता पर कोर्ट का समय बर्बाद करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि विपक्ष के अधिवक्ता कोर्ट कमिश्नर बदलने पर बहस छोड़कर मंदिर-मस्जिद की बात कर रहे हैं. जबकि विपक्षी अंजुमन इनाजनिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने एक बार फिर कोर्ट कमिश्नर की निष्पक्षता पर सवाल उठाया. गौरतलब है कि ज्ञानवापी परिसर के रखरखाव की जिम्मेदारी अंजुमन इन्सानजरिया मसाजिद कमेटी की है वहां ताला और चाबी की जिम्मेदारी भी कमेटी की है.
ताला खोलें या तोड़ें कर गर्भगृह में करें प्रवेश-वादी
ज्ञानवापी मस्जिद प्रकरण में शृंगार गौरी सहित अन्य देवी-देवताओं के सर्वे के लिए नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को बदलने की मांग को लेकर दायर याचिका पर बुधवार को पूरी हो गई. इस मामले में सिविल जज की अदालत के आखिरी दिन भी बहस कोर्ट कमिश्नर को बदलने को लेकर थी. परिवादी के वकील ने कोर्ट से अपील की कि जिसके पास चाबी है, वह ज्ञानवापी मस्जिद का तहखाना खुलवाए या ताला तोड़े. इसके साथ ही मस्जिद के भीतर कोर्ट कमीशन को सर्वेक्षण के लिए प्रवेश की अनुमति मिलनी चाहिए.
विपक्षी वकील ने कहा-मस्जिद में जाना पूजा स्थल अधिनियम का उल्लंघन है
इस मामले में विपक्षी वकील ने कहा कि मस्जिद परिसर के अंदर जाना पूजा स्थल अधिनियम, 1991 का उल्लंघन है. लिहाजा मस्जिद के भीतर प्रवेश नहीं किया जा सकता है. जबकि इस मामले में वादी के वकील ने कहा कि कोर्ट ने देवी-देवताओं की स्थिति जानने को कहा हैऔर विरोधी बेवजह तर्कों को घसीट रहे हैं.
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