एम्स 4 छात्रों के निलंबन पर हाईकोर्ट की रोक

Update: 2023-04-21 11:28 GMT

गोरखपुर न्यूज़: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में चार छात्रों को निलंबित कर हॉस्टल से निकालने के फैसले पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने चारों छात्रों को दोबारा क्लॉस करने और हॉस्टल में रहने देने के निर्देश दिए हैं. अदालत के फैसले की सूचना एम्स तक पहुंचाने के लिए शासन के अधिवक्ता के साथ ही रजिस्ट्रार जनरल को स्टे आर्डर एम्स में फैक्स करने के निर्देश दिए हैं. छात्रों ने एम्स प्रशासन के फैसले के विरोध में हाईकोर्ट में अपील की. मामले में गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने सुनवाई की.

दरअसल, एम्स में छात्रों ने बीते 27 व 28 मार्च को हॉस्टल के गेट को देर रात तक खोले जाने की मांग को लेकर आंदोलन किया. इस दौरान हंगामा हुआ. आरोप है कि छात्रों ने सुरक्षाकर्मियों से बदसलूकी की. इस आंदोलन के बाद एम्स प्रशासन ने शिकायत निवारण समिति और अनुशासन समिति का गठन किया था. अनुशासन समिति ने 13 अप्रैल को फैसला दिया. समिति ने एमबीबीएस 2019 बैच के चार छात्रों को निलंबित कर दिया. इनमें से तीन को हॉस्टल से भी कुछ दिनों के लिए बाहर निकाल दिया. जबकि एक छात्र को हमेशा के लिए हॉस्टल से बाहर कर दिया.

छात्रों ने दाखिल की अपील एम्स प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध में तीन छात्रों ने हाईकोर्ट की प्रयागराज बेंच में अपील किया. अपील में छात्रों ने अदालत को बताया कि एम्स प्रशासन की इस कार्रवाई से उनका कॅरियर चौपट हो सकता है.

चंद घंटों में ही हो गई सुनवाई: मामले की संजीदगी को देखते हुए ही न्यायमूर्ति अजय भनोट ने सुनवाई की. उन्होंने छात्रों के भविष्य को देखते हुए एम्स प्रशासन के आदेश पर रोक लगाने के साथ ही छात्रों को कैंपस के हॉस्टल में रहने व क्लास करने की अनुमति दी है. इस मामले की अगली सुनवाई 24 अप्रैल तय हुई है. हाईकोर्ट ने साफ किया है कि इस दौरान छात्रों को किसी भी प्रकार से परेशान न किया जाए. आदेश की कॉपी एम्स प्रशासन को उपलब्ध कराने को कोर्ट ने रजिस्टार जनरल व शासन के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह को निर्देशित किया.

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