वाराणसी: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद चर्चा का केंद्र बनी हुई है. मस्जिद परिसर के अंदर मौजूद श्रृंगार गौरी की रोज पूजा-अर्चना की मांग ने नया विवाद खड़ा कर दिया, जिसके बाद सिविल कोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे. लगातार तीन दिन तक चलने वाला सर्वे दो दिन के बाद खत्म कर दिया गया है. कहा जा रहा है कि अभी सर्वे का काम पूरा नहीं हुआ है.
सर्वे के दूसरे दिन शनिवार को सर्वे टीम के मस्जिद के अंदर जाने को लेकर हंगामा हुआ, जिसके बाद टीम के लिए काम करना मुश्किल हो गया. सर्वे टीम और वीडियोग्राफी की टीम मस्जिद के बाहर पहुंची लेकिन अंदर दाखिल नहीं हो पाई. अब 9 मई को इस मामले में सुनवाई होनी है. ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में घुसने या ना घुसने को लेकर जंग शुक्रवार से चल रही थी. ऐहतियात के तौर पर मस्जिद के बाहर भारी संख्या में पुलिस को भी तैनात किया गया था.
शुक्रवार को जब सर्वे की टीम ज्ञानवापी मस्जिद पहुंची तो खूब हंगामा हुआ. पुलिस की मौजूदगी में बवाल ज्यादा तो नहीं बढ़ा, लेकिन सर्वे का काम अटक गया. दरअसल मुस्लिम पक्ष ने इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई पर संदेह जताते हुए कोर्ट कमिश्नर को हटाने की मांग की, लेकिन शनिवार को कोर्ट ने इस अपील को खारिज कर दिया.
ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े नए विवाद में दोनों पक्षों के दावे क्या हैं...
हिंदू पक्ष का दावा.... इस मामले में हिंदू पक्ष रोजाना पूजा करने की इजाजत मांग रहा है और इसके लिए याचिकाकर्ताओं ने पूरे परिसर के निरीक्षण की मांग की है. हिंदू पक्ष का कहना है कि श्रृंगार गौरी की मूर्ति का अस्तित्व प्रमाणित करने के लिए मस्जिद के अंदर जाना पड़ेगा. यही वजह है कि सर्वे टीम बार-बार मस्जिद के अंदर जाकर सर्वे और वीडियोग्राफी करने की कोशिश कर रही है.
मुस्लिम पक्ष का दावा... मुस्लिम पक्ष का दावा है कि मस्जिद की पश्चिमी दीवार के बाहर श्रृंगार गौरी की मूर्ति है. मुस्लिम पक्ष का ये भी कहना है कि उन्हें सर्वे से आपत्ति नहीं है, सर्वे टीम के मस्जिद के अंदर जाने से आपत्ति है. मुस्लिम पक्ष के मुताबिक, कोर्ट ने मस्जिद के अंदर जाकर सर्वे करने का ऑर्डर नहीं दिया है. इसके अलावा मुस्लिम पक्ष का ये भी कहना है कि जिस प्लॉट का जिक्र है, वो कहां है ये तय नहीं है. प्लॉट का रेवेन्यू नक्शा भी कोर्ट में जमा नहीं है.
सर्वे टीम को मस्जिद के अंदर जाने देने से रोकने पर मुस्लिम पक्ष का तर्क
सर्वे टीम को मस्जिद से अंदर जाने से रोकने के पीछे मुस्लिम पक्ष का तर्क ये है कि देवी देवताओं की मूर्तियां पश्चिमी दीवार के बाहरी ओर हैं ना कि मस्जिद के अंदर. मुस्लिम पक्ष का कहना है कि तार्किक तौर पर सर्वे बाहरी दीवार के अगल-बगल वाली मूर्तियों का होना चाहिए, ना कि मस्जिद के अंदर.
क्या है ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर ताजा विवाद
ज्ञानवापी मस्जिद का ताजा विवाद पुराने विवाद से अलग है. दरअसल, ताजा विवाद मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देवी देवताओं की रोजाना पूजा-अर्चना के अधिकार को लेकर है. ज्ञानवापी मस्जिद का ताजा विवाद दरअसल 18 अगस्त 2021 को उस वक्त शुरू हुआ था, जब वाराणसी की 5 महिलाएं श्रृंगार गौरी मंदिर में रोजाना पूजन-दर्शन की मांग को लेकर कोर्ट पहुंच गईं. इससे पहले की परंपरा के मुताबिक इस जगह पर साल में 2 बार ही पूजा होती थी. लेकिन अब इन महिलाओं की मांग है कि परिसर में मौजूद अन्य देवी देवताओं की रोजाना पूजा अर्चना में बाधा ना आए.
कोर्ट में आई इस अपील पर सिविल जज ने परिसर में सर्वे और वीडियोग्राफी करने के आदेश दिए और 10 मई को इस पर रिपोर्ट मांगी थी. दरअसल, इससे पहले भी मस्जिद से जुड़ा एक विवाद है. 1991 का एक केस है जिसमें मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाए जाने की बात कही गई है.
क्या है ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर पुराना विवाद
साल 1991 में ज्ञानवापी मस्जिद के अस्तित्व को लेकर कोर्ट में एक केस दर्ज हुआ था. दावा किया गया था कि जहां मस्जिद बनी है, वो काशी विश्वनाथ की जमीन है और छोटे-छोटे मंदिरों को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है.
हिंदू पक्ष ने आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से जांच करवाए जाने अपील भी की थी. इसके बाद 9 सितंबर 2021 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद में ASI के सर्वेक्षण पर रोक लगा दी. तब से लेकर अबतक यथास्थिति बनी हुई है.
मस्जिद की जमीन पर मालिकाना हक को लेकर भी सामने आए नए दावे
ज्ञानवापी मस्जिद जिस जमीन पर बनी है. उसके मालिकाना हक को लेकर नए दावे सामने आए हैं. वाराणसी में रहने वाले व्यास परिवार का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद की जमीन का मालिकाना हक उनके परिवार के पास है. पिछले करीब 150 सालों से वो इस जमीन पर पूरा हक पाने के लिए केस लड़ रहे हैं, जिसके दस्तावेज भी उनके पास हैं.