गोरखपुर: मंच पर पीएम मोदी संग नजर आएंगी अनुप्रिया पटेल और संजय निषाद

Update: 2021-12-07 06:37 GMT

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की सत्ता में वापसी के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) लगातार अपने सहयोगी दलों के साथ रैलियां कर माहौल बनाने में जुट गए हैं. वहीं, बीजेपी ने भी अब अपने सहयोगी दलों के नेताओं को मंच पर जगह देकर एनडीए गठबंधन में एकता का संदेश देने की रणनीति बनाई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार को गोरखपुर रैली में अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के प्रमुख डॉ. संजय निषाद पहली बार साथ नजर आएंगे.

पीएम नरेंद्र मोदी गोरखपुर में विकास की सौगात देकर पूर्वांचल के सियासी समीकरण साधेंगे. गोरखपुर में खाद कारखाने से लेकर एम्स और आरएमआरसी की लैब का पीएम मोदी लोकार्पण करेंगे. बीजेपी के लिए पूर्वांचल का किला बचाने की चुनौती है, जिसका जिम्मा सीएम योगी से लेकर पीएम मोदी तक ने संभाल लिया है. साथ ही पीएम अपने साथ मंच पर पहली बार एनडीए के सहयोगी दलों को जगह देकर सियासी संदेश देने का प्लान बनाया है.
सहयोगियों के साथ पूर्वांचल फतह का प्लान
डेढ़ महीने में पीएम मोदी चौथी बार पूर्वांचल के दौरे पर पहुंच रहे हैं, क्योंकि बीजेपी के लिए सत्ता में वापसी की सारी उम्मीदें इसी इलाके पर टिकी हुई हैं. हालांकि, ओम प्रकाश राजभर और संजय चौहान की पार्टी का सपा के साथ गठबंधन किए जाने के चलते बीजेपी के लिए पूर्वांचल के जातीय समीकरण के तौर पर चुनौती बढ़ी दी है. ऐसे में बीजेपी अब पूर्वांचल में एनडीए के सहयोगी दलों के साथ चुनावी रैली कर अपने सियासी समीकरण को मजबूत करने की रणनीति बनाई है.
कुर्मी समुदाय में अनुप्रिया की दावेदारी
अपना दल (एस) की अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ओबीसी के कुर्मी समुदाय से आती हैं, जिसके चलते पिछड़ा वर्ग में उनकी अच्छी पैठ है. सूबे में ओबीसी वर्ग में यादव के बाद दूसरे नंबर पर कुर्मी समाज की आबादी है. यूपी में कुर्मी समाज 5 फीसदी वोटर हैं, जो पूर्वांचल में सबसे प्रभावी माने जाते हैं. कुर्मी वोटों को साधे रखने के लिए बीजेपी ने अनुप्रिया की पार्टी के साथ हाथ मिलाकर रखा है.
अनुप्रिया पटेल के नेतृत्व वाले अपना दल (एस) का वाराणसी, गोरखपुर, महाराजगंज, संतकबीर नगर, अंबेडकरनगर, बस्ती, अयोध्या, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, बाराबंकी, गोंडा, रॉबर्ट्सगंज क्षेत्र में अच्छा प्रभाव है. इन इलाकों में कुर्मी वोट मजबूत दावेदारी रखते हैं, जिसका फायदा बीजेपी ने 2014, 1017 और 2019 के चुनाव में अपना दल के साथ मिलकर उठाया था. इसीलिए पूर्वांचल में पीएम मोदी अपने साथ मंच पर अनुप्रिया को तवज्जो देकर कुर्मी वोटों का सियासी संदेश देना चाहते हैं.
यूपी में बीजेपी के दूसरे सहयोगी निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद भी मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंच पर रहेंगे. संजय निषाद का आधार भी ओबीसी समाज के निषाद समुदाय के बीच है, जिन्हें साधे रखने के लिए बीजेपी ने हाथ मिला रखा है और उन्हें चुनावी रैली में खास तवज्जो देने की रणनीति अपनाई है.
निषाद समुदाय का पूर्वांचल में अच्छा खासा वोट बैंक हैं. इस समुदाय के तहत निषाद, केवट, बिंद, मल्लाह, कश्यप, मांझी, गोंड सहित करीब 22 उप जातियां हैं. ऐसे में बीजेपी निषाद समाज के नेता संजय निषाद को अपने पाले में लाकर इस वोट बैंक को मजबूत करने का दांव चला है.
निषाद समुदाय मुख्य तौर पर पूर्वांचल के भदोही, जौनपुर, गोरखपुर, वाराणसी, बलिया, देवरिया से बस्ती तक अपना असर रखते है. गोरखपुर के ही नौ विधानसभा क्षेत्रों में करीब पांच लाख निषाद मतदाता हैं. ऐसे में बीजेपी ने गोरखपुर रैली में संजय निषाद को पीएम मोदी के साथ मंच पर जगह देकर निषाद समुदाय को साधने की कवायद मानी जा रही है.
दरअसल, यूपी चुनाव से पहले सपा अपने सभी सहयोगियों को अपने मंचों पर जगह दे रही है. इससे बीजेपी को अब अपने मंचों पर भी सहयोगियों को जगह देना मजबूरी और 2022 चुनाव के लिए जरूरी बन गई है. इसीलिए पहली बार पीएम मोदी के साथ मंच पर अनुप्रिया पटेल और संजय निषाद भी हुंकार भरते नजर आएंगे. 


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