Gaziabad: संकरे गलियों के अंदर बने अस्पतालों में हादसे का खतरा
दमकल विभाग को यहां पहुंचने में भी मशक्कत करनी होगी
गाजियाबाद: संकरे रास्तों और गलियों में बने अस्पतालों में आग लगने पर बड़ा हादसा हो सकता है. इनमें आग से बचाव के इंतजाम नहीं हैं. यहां दमकल विभाग को यहां पहुंचने में भी मशक्कत करनी होगी. ‘हिन्दुस्तान’ की पड़ताल में पता चला कि खोड़ा के अधिकांश अस्पतालों की हालत ऐसी है. यहां हादसा हुआ तो लोगों को बचाना मुश्किल होगा.
दिल्ली में बेबी केयर सेंटर भी करीब सवा सौ गज के प्लॉट पर बने मकान में चल रहा था, जहां आग से सात मासूमों की मौत हो गई थी. यही हाल खोड़ा का है, जहां की गलियों और संकरे रास्तों में छोटे-छोटे मकानों के अंदर -40 अस्पताल चल रहे हैं. खोड़ा के दीपक विहार अस्पताल में पहुंचे तो यहां से अस्पताल का बोर्ड ही गायब था. अंदर संकरी गैलरी के बाद बेड रखा था, जिससे पता चल रहा था अस्पताल है. अग्निशमन उपकरण तो दूर फायर एक्सटिंगुइशर तक नदारद था. यहां मौजूद कर्मचारी से बात करने का प्रयास किया तो उसने कोई जवाब नहीं दिया.
आसपास के लोगों ने बताया कि यहां प्राथमिक उप के साथ मरीजों को भर्ती भी किया जाता है. गंभीर मरीजों को जिले के बड़े अस्पतालों में भेज दिया जाता है.
वार्डों में उपकरण तक नहीं खोड़ा स्थित मंजिला भवन में चल रहे आरएन अस्पताल में पहले 35 बेड थे, लेकिन आग से बचाव के उपकरण न होने के कारण स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर 15 बेड पर ही मरीजों को भर्ती किया जा रहा है. अस्पताल में स्मोक डिटेक्टर, वाटर स्प्रिंकलर, फायर एग्जिट, हाईड्रेंट, फायर टैंक या हौजरील जैसा कोई उपकरण नहीं मिला. कुछ जगहों पर फायर एक्सटिंगुइशर रखे थे. वहीं, छोटे-छोटे कमरों में बेड लगाकर वार्ड बना रखे हैं, जिनमें फायर एक्सटिंगुइशर भी नहीं लगे मिले.
अस्पताल के निदेशक डॉ. आरएन सिंह का कहना है कि 15 मीटर से कम ऊंचाई का अस्पताल है. इसमें फायर एक्सटिंगुुइशर का मानक है. हालांकि, अग्निशमन विभाग ने एनओसी के लिए कुुछ और इंतजाम करने के लिए कहा है, जिन पर काम शुरू कर दिया है. जल्द ही अग्निशमन व्यवस्था को दुरुस्त कर एनओसी ली जाएगी.
अग्निशमन टीम बनाई
वसुंधरा सेक्टर स्थित ली क्रेस्ट अस्पताल के पास अग्निशमन विभाग की एनओसी है. यहां आग से बचाव के सभी इंतजाम थे, लेकिन रिसेप्शन पर फायर एक्सटिंगुइशर मौजूद नहीं था. अस्पताल के सहायक महाप्रबंधक हर्ष कुमार शर्मा ने बताया कि सभी प्रवेश और निकास के स्थानों पर आग बुझाने के उपकरण लगा रखे हैं. बीते दिनों आई दमकल टीम ने सभी इंतजाम दुरुस्त बताए. उन्होंने बताया कि अस्पताल में आग बुझाने और लोगों को बचाने के लिए अपनी खुद की अग्निशमन टीम भी बना रखी है, जिसमें अधिकारी और टेक्नीशियन शामिल हैं.
जिले में चल रहे सभी अस्पतालों में फायर ऑडिट चल रहा है. एनओसी और बिना एनओसी वाले सभी अस्पतालों में दमकल विभाग की टीमें जा रही हैं. जांच के दौरान बिना एनओसी वाले अस्पतालों पर कार्रवाई के लिए स्वास्थ्य विभाग को भी पत्र लिख रहे हैं. -राहुल पाल सिंह, मुख्य अग्निशमन अधिकारी