Gaziabad: ओपेक अस्पताल कैली में सीटी स्कैन की सेवा ठप हुई, प्रैक्टिकल भी प्रभावित

"निजी सेंटरों पर जांच के लिए 2000 रुपये खर्च करना पड़ रहा"

Update: 2025-01-01 05:31 GMT

गाजियाबाद: मेडिकल कॉलेज की चिकित्सा इकाई ओपेक अस्पताल कैली में सीटी स्कैन सेवा 12 जुलाई से ठप है. ओपीडी में आए मरीज जांच के लिए सीटी स्कैन कक्ष के बाहर लगे सीटी स्कैन खराब होने का पोस्टर देखकर मरीज निजी सेंटर पर जा रहे है. निजी सेंटरों पर जांच के लिए 2000 रुपये खर्च करना पड़ रहा है. जिससे मरीजों की जेब ढीली हो रही है. ओपेक अस्पताल कैली में सिटी स्कैन 17 जून से खराब है. मेडिकल कॉलेज प्रशासन की पहल से मशीन 12 जुलाई को दुरूस्त कर जांच शुरू की गई. महज चार मरीजों की जांच होते ही मशीन खड़ी हो गई, तब से मशीन खराब है. ओपेक अस्पताल कैली में रोजाना 25 से 30 मरीज सीटी स्कैन के लिए आते हैं. चिकित्सक के अनुसार सर्जरी, मेडिसिन, बाल रोग विभाग में भर्ती मरीजों को जांच की जरूरत पड़ती है. ऐसे में ओपीडी में आए मरीजों का इलाज जांच अभाव में इलाज शुरू नहीं हो पाता है. सड़क दुर्घटना में चोटिल मरीज या वार्ड में भर्ती मरीज को सीटी स्कैन जांच के अभाव में इलाज शुरू नहीं हो पाता है. जिससे अस्पताल में इलाज के लिए तीमादारों निजी सेंटर पर जांच के लिए जेब ढीली करनी पड़ रही है.

60 अध्यनरत छात्रों की पढ़ाई अधूरी, छात्र परेशान ओपेक अस्पताल कैली में सीटी स्कैन ठप होने से पैरामेडिकल कोर्स के छात्र-छात्राओं के लिए ट्रेनिंग की सुविधा से कोसों दूर है . सीटी स्कैन कोर्स के 2022-23 बैच के छात्र-छात्राएं सीटी स्कैन ठप होने से पढ़ाई अधूरी हो रही है. ओपेक अस्पताल कैली में पैरामेडिकल कोर्स के सीटी स्कैन के तीन बैच में कुल 60 छात्र-छात्राएं हैं.

कर्मचारी ने मरीज की एक्स-रे जांच से किया इनकार: मेडिकल कॉलेज कैली में इलाज के लिए अपने पिता संग आई एक 10 वर्षीय बच्ची की एक्स-रे जांच से एक्स-रे टेक्नीशियन ने इंकार कर दिया. पिता का कहना था कि जांच का आदेश सीएमएस ने दिया था, टेक्नीशियन ने उसे भी अनसुना कर दिया. पीड़ित ने मामले की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर किया है.सीएमएस डॉ. समीर श्रीवास्तव का कहना है कि प्रकरण संज्ञान में नहीं है, शिकायत मिलने पर जांच कराकर कार्रवाई कराई जाएगी.

कोतवाली के पोखरभिटवा निवासी धर्मवीर सिंह ने सीएम को भेजे शिकायती पत्र में कहा है कि मंगलवार को बाल रोग विभाग की ओपीडी में बेटी आराध्या को दिखाने ले गया था. बालरोग विशेषज्ञ डॉ़ सोनल मद्धेशिया ने डिजिटल एक्स-रे का परामर्श दिया. रेडियोलॉजी विभाग में तैनात एक्स-रे कर्मचारी सीपी शुक्ल ने कहा कि सीएमएस से हस्ताक्षर कराने के बाद डिजिटल एक्स-रे होगा. शिकायकर्ता का कहना है कि उसने सीएमएस से हस्ताक्षर कराने के बाद कर्मचारी से एक्स-रे करने को कहा. इसके बाद भी मना कर दिया गया.

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