निराकार ब्रह्म ने धर्म की रक्षा के लिए धारण किया कृष्ण अवतार: Acharya Rohit Richaria
Kushinagarराजापाकड़/कुशीनगर: भगवान निराकार होकर भी पापियों का विनाश करने व धर्म की रक्षा करने के लिए संसार में साकार रूप लेकर विभिन्न प्रकार की लीलाएं करते हैं। यह बातें श्रीधाम वृंदावन व बागेश्वर धाम के सेवक आचार्य पं. रोहित रिछारिया ने कही। वह सोमवार की सायं दुदही विकास खंड के ग्राम पंचायत दुमही के राजस्व गांव बंगरा रामबक्स राय में शारदीय नवरात्र के अवसर पर आयोजित सप्त दिवसीय संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन की श्रद्धालुओं को श्रीकृष्ण बाल लीला व विभिन्न राक्षसों के वध की कथा सुना रहे थे। उन्होंने कहा कि निराकार ब्रह्म ने धर्म की रक्षा के लिए कृष्ण अवतार धारण करके प्रेम का व बाल लीला करके संसार को संदेश दिया कि भगवान अजन्मा है और मानव की भांति मां के गर्व से जन्म नही लेता, बल्कि मां के ह्रदय में आकर निज इच्छा से ईश्वर चिन्मय शरीर धारण करता है। कथावाचक ने कहा कि सनातन गौ माता गोबर में लक्ष्मी जी व गोमूत्र में गंगा जी का वास है। इनकी पूजा करने से सभी देवी देवताओं की पूजा हो जाती है।
कथावाचक ने आगे कहा कि ब्रज में आकर भगवान ने अपनी बाल लीलाओं से सभी बृजवासियों को सुख प्रदान किया कथावाचक ने माखन चोरी, पूतना सहित राक्षसों का वध, कालिया नाग की कथा, गोवर्धन पूजा प्रसंग का वर्णन किया। इसके पूर्व कथा का शुभारंभ क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र सिंह कुशवाहा ने ग्रंथ का पूजन कर किया। गायक राहुल परिहार, तबला वादक इंदल शर्मा व बैंजो पर अजयदास ने संगत की। आचार्य पं. अजीत शास्त्री के नेतृत्व में पुरोहितगण पं. अनिल कौशिक व शिवसेवक दास ने मूल परायण पाठ किया। इस दौरान आयोजक शत्रुघ्न उर्फ डिंपल शुक्ल, फतेह बहादुर उर्फ पप्पू कुशवाहा, पं. रामअवध शुक्ल, रामकिशोर शुक्ल, सत्येंद्र उर्फ गुड्डू शुक्ल, कृष्णा शुक्ल, वीरेंद्र शुक्ल, नन्हे शुक्ल, नगीना कुशवाहा, अनवर अंसारी, सुनील कुमार, रोहित कुमार, शोभित, त्रिपुरारी, छेदी प्रसाद , पारसनाथ शुक्ल, दूधनाथ शुक्ल, श्रीराम |