स्वच्छ और निर्मल गंगा के सपने पर भारी पड़ रहे आस्था के फूल

Update: 2023-06-19 06:30 GMT

इलाहाबाद न्यूज़: गंगा को स्वच्छ बनाने की कोशिशें विफल हो रही हैं. गंगा में फूलमाला प्रवाहित करने से रोकने के लिए कई स्तर से जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. गंगा के घाट से लेकर इसके किनारे के मोहल्ले और गांवों में जागरूक किया जा रहा है. इसके बावजूद गंगा में धड़ल्ले से फूलमाला और घर का कचरा बहाया जा रहा है.

संगम से प्रतिदिन एक क्विंटल कचरा निकल रहा है. नगर निगम की बोट प्रतिदिन औसतन एक क्विंटल कचरा निकाल रही है. कचरे में फूलमाला के साथ पॉलीथीन, घरों के कपड़े मिल रहे हैं. कभी-कभी मरे जानवर भी बहकर आ जाते हैं. संगम क्षेत्र में गंगा से निकला कचरा अरैल घाट किनारे बोट से लाया जाता है. घाट से नगर निगम की गाड़ी पूरा कचरा बसवार प्लांट ले जाती है. वहां कचरे की छंटाई होती है.

कालीघाट और संगम के बीच कचरा निकालने वाली बोट का संचालन किया जा रहा है. गंगा से निकलने वाले कचरे और बोट की देखरेख करने वाले नगर निगम के इंजीनियर राम सक्सेना ने बताया कि प्रवाह के साथ सबसे अधिक फूलमाला और कपड़ा मिलता है. प्रतिदिन पांच से 10 किग्रा पॉलीथीन मिलती है. कभी-कभी मरे जानवर भी बोट की जाल में आ जाते हैं.

गंगा में मिली रामचरित मानस को सुरक्षित रखा प्रयागराज. खास बोट से संगम क्षेत्र की सफाई के दौरान कचरे के साथ अक्सर पुस्तकें भी मिलती हैं. कुछ महीना पहले गंगा में एक पु्स्तक मिली.

कचरे के साथ पुस्तक को भी बोट किनारे ले आई. पुस्तक को खोलकर देखने पर रामायण ग्रंथ निकला. नगर निगम ने राम चरित मानस को अल्लापुर स्थित जोन चार के दफ्तर में सुरक्षित रखा है.

कौन, कैसे कर रहा जागरूक

● नमामि गंगे की टीम गंगा तट के मोहल्ले, स्कूलों में जागरूकता अभियान चला रही है.

● जिला गंगा समिति निर्मल गंगा को लेकर बैठकें करती रहती है.

● स्वयं सेवी संस्थाएं संगम और गंगा के घाटों पर श्रद्धालुओं को जागरुक करती हैं.

कई स्तर पर प्रयास के बावजूद गंगा में कचरा बहाया जाना दुखद है. गंगा के प्रति लोगों को अब जागरुक होना प़ड़ेगा. इसे रोकने में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की प्रत्यक्ष भूमिका नहीं है. नेशनल मिशन क्लीन गंगा में कचरा बहाने को लेकर गंभीर है. -आरके सिंह

क्षेत्रीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड

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