बाढ़ का खतरा : आगरा में पानी में डूबे कई गांव, फसलें बर्बाद, पलायन करने लगे लोग

पलायन करने लगे लोग

Update: 2022-08-24 04:37 GMT

आगरा. कोटा बैराज से चंबल नदी में 4 दशमलव 2000000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने के चलती है चंबल नदी एक बार फिर से वह फोन पर आ गई है मंगलवार की सुबह तक यहां पानी भी नसीबा में नजर आने लगेगा शादी उदी घाट पर चंबल नदी खतरे के निशान 119 मीटर को पार कर 125 मिनट तक पहुंच सकती है जानकारों का कहना है कि उद्घाटन नदी तक बढ़ती है तू अटेर क्षेत्र में कई गांव सकते हैं

एयरटेल जिला प्रशासन नदियों के किनारे बसे लोगों को नदी से दूर रहने के लिए कहा है जिसके चलते बहुत से लोग अपना घर बार छोड़कर जरूरी सामानों के साथ ही इधर.उधर पनाह में लेने लगी है बता दें कि मध्य प्रदेश और राजस्थान में हो रही बारिश की वजह से बांध उफान पर आने लगे हैं जिसके चलते नदियों अभी उफान पर आने लगी हैं एक बार फिर से कोटा बैराज से चंबल नदी 4 दिसंबर 2000000 से पानी छोड़ा गया है जिससे चंबल नदी का जलस्तर बढ़ गया है
मुरैना की राजघाट पुल पर चंबल नदी का जलस्तर 11रू00 बजे 125ण्03 मीटर पहुंच गया था वही रात 11रू00 बजे तक यहां से रास्ता है उसे 36 मिनट में पहुंचने की संभावना है इस वक्त पिनाहट नदी घाट पर जलस्तर बढ़कर 131 दशमलव 20 मीटर पहुंच गया है. गांव गांव प्रशासनिक कर्मचारियों का चौकियों पर डेरा लगा लिया है. पानी बढ़ने से रात के समय ग्रामीणों ने गांव से ऊंचे स्थानों को पलायन करना शुरू कर दिया.चंबल नदी के कई गांव में बाढ़ का खतरा एक दर्जन से अधिक गांवों के संपर्क मार्ग टूटे बाढ़ क्षेत्र में हर संभव सहायता मदद को प्रशासन का प्रयास किया जा रहा है. तटवर्ती इलाके के क्षेत्र में किसानों की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं हैं.


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