लखनऊ: शादी के नाम पर श्रम विभाग से फर्जी ढंग से अनुदान लेने के बड़े खेल का खुलासा हुआ है। कहीं बिना बेटी के तो कहीं दो-दो बार शादी दर्शाकर अनुदान ले लिया गया। यहां तक कि दूसरे की बेटी को भी अपनी दर्शा दिया गया। मथुरा में हुए इस फर्जीवाड़े में दो श्रम प्रवर्तन अधिकारियों, लिपिक सहित 10 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है। सरकारी धन की रिकवरी भी की जाएगी। श्रम मंत्री द्वारा चार मई को समीक्षा बैठक में भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के सचिव को जांच के आदेश दिए गए थे।
राज्य सरकार श्रमिकों की बेटियों की शादी के लिए अनुदान देती है मगर मथुरा में एक ऐसा रैकेट सामने आया है, जो फर्जी कागज तैयार कर के सरकारी अनुदान का पैसा डकारता आ रहा है। इस रैकेट में सहायक श्रमायुक्त कार्यालय के अधिकारी-कर्मचारी, कुछ दलाल और कई अन्य लोग शामिल हैं। श्रम विभाग को लगातार इस संबंध में शिकायतें प्राप्त हो रही थीं।
हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक श्रम विभाग से मिलने वाली शादी अनुदान की राशि हड़पने को बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया। जो बेटी पैदा ही नहीं हुई, उसके नाम पर भी फर्जी कागज तैयार कर शादी अनुदान ले लिया गया। बेटियों की दो-दो बार शादी तक करा दी गई। अपनी छोड़एि देवर की बेटी का शादी अनुदान भी ले लिया गया। मथुरा में सामने आए फर्जीवाड़े के पांच मामलों ने शादी अनुदान दिए जाने की पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
मथुरा के मर्गोरा निवासी हरदम सिंह की एक ही बेटी है। उसकी शादी वर्ष 2015 में हो चुकी है। मगर उसकी शादी का पैसा वर्ष 2019 में लिया गया। इतना ही नहीं हरदम की दूसरी बेटी के नाम पर भी अनुदान का पैसा हड़प लिया गया, जो कि पैदा ही नहीं हुई। सुरेशचंद्र की दो बेटियों का विवाह 2015 में ही हो चुकी है। मगर अनुदान हड़पने को इनकी फिर दो-दो बार शादी दर्शाई गई।
विभागीय अधिकारियों की मानें तो 2019 में आवेदन सुरेशचंद्र के नाम से करके पैसा लिया गया जबकि 2020 में सुरेश की पत्नी उर्मिला के नाम पर आवेदन करके पैसा ले लिया गया। कुंज नगर मथुरा हाइवे निवासी कमला देवी पत्नी दिनेशचंद्र ने अपनी बेटी तो छोड़एि देवर की बेटी को भी अपनी बताकर शादी अनुदान की धनराशि ले ली। एक और चौंकाने वाला मामला मदनलाल और उनके बेटे गजेंद्र से जुड़ा है।