पूजन की अनुमति की मांग से जुड़े साक्ष्य निजी नहीं

Update: 2023-01-20 12:14 GMT

वाराणसी न्यूज़: वैज्ञानिक आधार पर ज्ञानवापी परिसर में पूजन-अर्चन और देवताओं के राग-भोग की अर्जी पर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) फास्ट ट्रैक कोर्ट महेंद्रनाथ पांडेय की अदालत में सुनवाई हुई. इस दौरान अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद की ओर से दाखिल आपत्ति का वादी पक्ष ने जवाब दिया. वादी ने कहा है कि अर्जी के साथ जो साक्ष्य व पत्रावलियां संलग्न हैं, वे व्यक्तिगत नहीं बल्कि सार्वजनिक हैं. प्रतिवादी साक्ष्य का खुद अवलोकन कर सकता है. इसलिए उसकी अर्जी खारिज कर दी जाए.

इस जवाब पर अंजुमन की ओर से प्रति आपत्ति दाखिल करने का समय मांगा गया. अदालत ने अगली सुनवाई के 14 फरवरी की तिथि नियत कर दी. ज्ञानवापी में पूजन-अर्चन की मांग से संबंधित यह वाद झारखंड के पर्यावरणविद् प्रभुनारायन की तरफ से अधिवक्ता मनबहादुर सिंह व अनुपम द्विवेदी ने दाखिल किया है. मांग की गई है कि ज्ञानवापी में दृश्य-अदृश्य देवताओं के राग-भोग, दर्शन-पूजन की अनुमति दी जाए. इसके साथ ही परिसर में गैर हिंदूओं का प्रवेश रोकने और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित करने की भी मांग की गई है. वादी ने आस्था के साथ ही वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर अनुतोष देने का अनुरोध किया है. पिछली तिथि में मुस्लिम पक्ष की ओर से आपत्ति दाखिल की गई थी कि वादी की ओर दाखिल अर्जी के साथ जो साक्ष्य दर्शाए गए हैं, उनकी प्रति उपलब्ध नहीं कराई गई है. साथ ही सबूत उपलब्ध कराने की गुहार लगाई गई थी.

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