Varanasi: जगह के अभाव में नहीं बन पा रहे 49 शौचालय

Update: 2024-11-28 06:23 GMT

वाराणसी: नगर निगम को शहर में 49 जगहों पर शौचालय बनाने की जगह नहीं मिल पा रही है.छह महीने से भी अधिक समय से शौचालयों की सूची तैयार है, लेकिन काम अटका है.सबसे बड़ी बाधा निगम के राजस्व विभाग की ओर से आ रही है. राजस्व विभाग की टीम उस स्थान पर आराजी नंबर की जांच नहीं कर पाई है.

स्वच्छ भारत मिशन के तहत निगम को सार्वजनिक शौचालय प्राथमिकता के आधार पर बनाने चाहिए.लेकिन समन्वय के अभाव में ऐसा नहीं हो पा रहा है.वाराणसी नगर निगम को ओडीएफ प्लस प्लस का दर्जा मिला है.लेकिन अधिकारी इसे बरकरार नहीं रखना चाहते.

यहां बनाने हैं शौचालय टेंगरा मोड़ से रामनगर चौक पानी टंकी के पास, पंचायत भवन सुसुवाही, धोबीघाट कोनिया, रानीपुर बीएसडब्ल्यू पंप के पास, कोनिया घाट पुल के नीचे, छित्तूपुर पंचायत भवन के पास, लहरतारा गेट नंबर 4 के पास, आशापुर चौराहे के पास, रामघाट, आयुर्वेदिक अस्पताल गेट के पास, पड़ाव चौराहा मछली मंडी के पास, चितईपुर प्राथमिक विद्यालय के पास.

उपभोक्ता दो उपकेंद्रों में फंसा, लगा रहा है दौड़

बिजली विभाग के अभियंताओं के रवैये से एक होम स्टे संचालक त्रस्त है.कनेक्शन ट्रांसफर और लोड बढ़ाने के लिए उसे एक महीने से दौड़ाया जा रहा.

सेवा चौधरी गली (भैरवनाथ) निवासी विश्वनाथ का घासी टोला में होम स्टे है.इस मकान पर पहले से बीबीहटिया निवासी विरेंद्र कुमार अग्रवाल के नाम से कनेक्शन हैं.पीड़ित कनेक्शन ट्रांसफर और लोड बढ़ाने के लिए मैदागिन उपकेंद्र पहुंचा.अभियंताओं ने जांच के बाद यह कहकर लौट दिया कि आपका कनेक्शन ब्लाक दिख रहा है.इसे चौक उपकेंद्र को ट्रांसफर किया गया है.चौक उपकेंद्र के अभियंताओं ने पहले तो पीड़ित को विभागीय कार्यवाही के लिए कोतवाली थाने के सामने एक कंप्यूटर सेंटर पर भेज दिया.वहां फार्म आदि कार्य के लिए 300 रुपये वसूले गए.इसके बाद वह जब चौक उपकेंद्र पहुंचा तो वहां लिपिकों ने बहाना बनाकर लौटा दिया.बार-बार वापस करने का उपभोक्ता ने विरोध किया तो अभियंताओं ने यह कह कर वापस भेज दिया आप मैदागिन उपकेंद्र के उपभोक्ता हैं.

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