Lucknow: काजल से कमजोर हो रही बच्चों की नजर

धीरे-धीरे बच्चे की नजर भी कमजोर हो सकती है

Update: 2024-11-28 06:21 GMT

लखनऊ: बच्चों को काजल लगाने से आंख बड़ी नहीं होती है बल्कि आंखों का संक्रमण हो सकता है.इसका फर्क रोशनी पर पड़ सकता है.धीरे-धीरे बच्चे की नजर भी कमजोर हो सकती है.यह जानकारी लोहिया संस्थान में बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. दीप्ति अग्रवाल ने दी.

वह को संस्थान प्रेक्षाग्रृह में प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं.डॉ. दीप्ति अग्रवाल ने कहा कि शिशुओं को काजल न लगाएं.क्योंकि काजल में नुकसानदेह तत्व होते हैं.

चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने कहा कि प्रशिक्षण के माड्यूल की सफलता तभी संभव है.जब नर्सिग संवर्ग का भी पूर्णत योगदान हो.

केजीएमयू बाल रोग विभाग के डॉ. अशोक कुमार गुप्ता ने कहा कि नवजात शिशुओं की सेहत के लिए अच्छी नींद बहुत जरूरी है.शिशुओं में आरामदायक नींद के लिए कम रोशनी और शोर रखें .केजीएमयू बाल रोग विभाग के डॉ. एसएन सिंह, लोहिया संस्थान के डीन डॉ. प्रद्ययुमन सिंह, एनएचएम की निदेशक पिंकी जोवेल, डॉ. रतन पाल सिंह मौजूद रहे.

नाभि में भी तेल न लगाएं

डॉ. दीप्ति अग्रवाल ने कहा कि शिशुओं की नाभि में मांएं तेल या पाउडर आदि लगाती हैं.यह भी नुकसानदेह है.नाभि को सूखा रखें.इससे काफी हद तक बच्चों को संक्रमण से बचा सकते हैं.बच्चे को ऊनी कपड़ों के नीचे सूती कपड़ों की एक परत पहनाएं जिससे रूखापन न आए.

इसलिए खतरनाक

काजल में बहुत ज्यादा मात्रा में लेड पाया जाता है, जो आंखों के जरिए जाकर शरीर के अन्य हिस्से को प्रभावित कर सकता है.यह मस्तिष्क, बोन मैरो से जुड़ी समस्याएं भी पैदा कर सकता है.

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