कानपूर न्यूज़: कानपुर की सड़कों पर दौड़ रहा लगभग हर तीसरा वाहन अनफिट या प्रदूषण नियंत्रण के मानकों पर फेल है. कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कैग) की ओर से ट्रांसपोर्ट विभागों की जांच के बाद जारी की गई रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. अनफिट वाहनों की संख्या में अपना शहर सबसे आगे है. उत्तर प्रदेश के 12 आरटीओ दफ्तरों के 3121 केसों की जांच की गई जिसमें 952 सिर्फ कानपुर के निकले.
कैग की रिपोर्ट के हिसाब से शहर में लगभग 15 लाख वाहन आरटीओ में पंजीकृत हैं. इसमें करीब 1.19 लाख गाड़ियों के प्रदूषण नियंत्रण सर्टिफिकेट एक्सपायर हो चुके हैं लेकिन ये अभी भी धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं. इतना ही नहीं, 71 हजार वाहनों में प्रदूषण कभी जांचा ही नहीं गया. यानी लगभग छह प्रतिशत वाहनों में प्रदूषण की जांच की जहमत ही नहीं उठाई गई. आंकड़ों की बात करें तो पूरे प्रदेश के अनफिट वाहनों में से 28 फीसदी कानपुर में ही चल रहे हैं.
रिपोर्ट की मानें तो वाहनों की फिटनेस चेक न करने की वजह से सरकार को 4.27 करोड़ रुपये का चूना भी लगा है. यह नुकसान ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन में चालान न करने की वजह से हुआ. इसके साथ ही कानपुर के 6300 से ज्यादा ट्रक और टैक्सी का नेशनल परमिट एक्सपायर हो चुका है लेकिन बेधड़क पूरे देश में सफर कर रहे हैं.
कैग की रिपोर्ट में साफ तौर पर कहा गया है कि नेशनल परमिट का नवीनीकरण न कराने की वजह से 13.65 लाख रुपये का नुकसान सरकार को हो रहा है.