राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के वार्षिक अधिवेशन में रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने पर बल

Update: 2022-12-08 08:42 GMT

इलाहाबाद: श्रीराम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडस्ट्रियल रिसर्च (एसआईआईआर) दिल्ली के निदेशक डॉ. मुकुल दास ने कहा है कि भारत के आर्थिक विकास, पर्यावरण संरक्षण और उद्यमियों के लिए ग्रीन हाईड्रोजन वरदान साबित होगा. राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (नासी) में आयोजित 92वें वार्षिक अधिवेशन के दूसरे दिन अपने व्याख्यान में डॉ. मुकुल ने कहा कि डीजल और पेट्रोल की बढ़ती कीमतों तथा वाहनों में इसके उपयोग के चलते बढ़ने वाले प्रदूषण से ग्रीन हाईड्रोजन के उत्पादन को बढ़ावा देने की आवश्यकता प्रबल हो गई है.

सरकार भी हाईड्रोजन के उत्पादन में तेजी लाने के लिए उद्यमियों को कई तरह की छूट देने की रणनीति बना रही है. भारत सरकार की ओर से प्रस्तावित नई ग्रीन हाईड्रोजन पॉलिसी में वर्ष 2030 तक 50 लाख टन हाईड्रोजन उत्पादन की योजना परिलक्षित हो रही है. अध्यक्षता करते हुए नासी के अध्यक्ष प्रो. अजय घटक ने कहा कि ग्रीन हाईड्रोजन की प्रदूषण विहीन गुणवत्ता के कारण इसके उत्पादन में तेजी लाने और नये और युवा उद्यमियों को ज्यादा से ज्यादा अवसर देने की आवश्यकता है. सह अध्यक्षता प्रो. मंजू शर्मा ने की.

आईआईटी दिल्ली के प्रो. अनुराग शर्मा ने हाईड्रोजन उद्योग में अच्छी तकनीकी जानने वाले कर्मचारियों की जरूरत को देखते हुए युवाओं के लिए रोजगार प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने पर बल दिया. इसके पूर्व इसरो के वैज्ञानिक प्रो. एस. सोमनाथ ने स्पेस टेक्नोलॉजी के आईटी के विकास में योगदान पर व्याख्यान दिया. इसके अलावा डॉ. अशोक झुनझुनवाला, प्रो. शांतनु चौधरी, प्रो. सुखदेव रॉय, प्रो. जयंत हरितसा ने व्याखान दिए. इस सत्र की अध्यक्षता परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष डॉ. केएन व्यास ने की. संचालन डॉ. संतोष शुक्ला एवं धन्यवाद ज्ञापन एनबीआरआई लखनऊ के निदेशक डॉ. एसके बारिक ने दिया.

पोस्टर प्रेजेंटेशन हुआ:

अधिवेशन का दूसरा सत्र इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग में आयोजित किया गया. लगभग डेढ़ सौ शोधार्थियों और वैज्ञानिकों ने पोस्टर के माध्यम से अपने शोध प्रस्तुत किए जिसका मूल्यांकन वरिष्ठ वैज्ञानिकों ने किया.

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