मोहब्बत के पैगाम के साथ निकला Eid Miladunnabi का जुलूस

Update: 2024-09-16 12:39 GMT
Kushinagar राजापाकड़/कुशीनगर: जुबां पर अमन के तराने और हथेलियों में दुआओं की शक्ल हो तो पैगम्बर हजरत मोहम्मद की आमद का दिन और खास हो जाता है क्योंकि यही इस्लाम की ताकत और पहचान है। उक्त बातें महासोंन बड़ी मस्जिद के इमाम मौलाना तौकीर आलम ने कही।वह सोमवार की सुबह महासोंन से ईद मिलादुन्नबी के जुलूस को रवाना कर रहे थे।उन्होंने कहा कि इस्लाम इंसानियत,हक-हकूककी हिफाजत और मुसल्लम ईमान का नाम है।इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए 571 ईसवीं की तीसरी ईद अर्थात बारह तारीख अव्वल को हजरत मोहम्मद की पैदाइश हुयी थी।मौलाना ने सभी से देश की एकता और अखण्डता को मजबूत करने के साथ आपसी सौहार्द को हर हाल में बनाये रखने पर बल दिया।
क्षेत्र के ग्रामसभा बसडीला पाण्डेय,महुअवा कारखाना में हजरत मोहम्मद की पैदाइश की खुशी में भब्य जुलूस निकाला गया।जुलूस में शामिल उत्साही युवक हाथों में इस्लामी और तिरंगा लिये नबी की शान में नारे लगा रहे थे।जुलूस महासोंन बड़ी मस्जिद से होता हुआ बसडीला स्थित जामा मस्जिद,रावतपार,डिग्री,महासोन, फुरसतपुर,मारवाड़ी बेलवा,झनकौल, छहूँ चौराहा,तेंनुवा,अमवा दूबे होते हुए पुनः बसडीला पाण्डेय में मिलान के बाद समाप्त हुआ।रास्ते में जगह-जगह कुछ लोगों द्वारा जल्पनान की व्यवस्था की गयी थी।ग्राम रावतपार में मुन्ना अली ने नात पढ़कर चार चाँद लगाया।समाप्ति स्थल पर मुहम्मद कलाम,मुर्तुजा अंसारी,हारून कादरी तथा आरिफ अली ने मोहम्मद साहब के विचारों के साथ समाज में एकता का संदेश दिया।इसमें मुख्य रूप से आफताब आलम,फारूक अंसारी,कासिम अली,समसुद्दीन, अजरुद्दीन अंसारी,मंसूर आलम,मंजूर अली,नैमुल्लाह सिद्दीकी,व हारून सिद्दीकी आदि उपस्थित रहे।इसी क्रम में ग्रामसभा घोरठ शंकरपुर, मछरियाँ, कोरया, बरवाकला,बलडीहा व सरिसवा आदि गाँवों में भी जुलूस निकालकर उत्साह के साथ त्यौहार मनाया गया।शान्ति व्यवस्था बनाये रखने के उद्देश्य से पुलिस साथ-साथ चल रही थी।
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