अलीगढ़ न्यूज़: साथा चीनी मिल की बेहाली दूर कर अलीगढ़ के गन्ना किसानों के खुशहाली के मार्ग को प्रशस्त करने के तमाम सरकारी दावे-वादे फेल हो गए हैं. गन्ना किसान बदहाल हैं. साथा चीनी मिल की दशा सुधर नहीं रही है.
31 मई तक साथा चीनी मिल की क्षमता 12500 कुंतल गन्ना प्रतिदिन पैराई से बढ़ाकर 25000 करनी थी. मगर, अभी तक इस दिशा में काम भी शुरू नहीं किया गया. जबकि चार माह बाद नवंबर में पैराई सत्र शुरू होना है. अगर, चीनी मिल की दशा नहीं सुधरी तो इस बार भी किसानों को दूसरे जिलों की चीनी मिल पर गन्ना ले जाना पड़ेगा, जिससे उनकी आय पर असर पड़ेगा.
दो मुख्यमंत्री, तीन मंत्री फिर भी हाल बेहाल अलीगढ़ ने प्रदेश को दो मुख्यमंत्री दिए. इसके अलावा तीन मंत्री दिए. फिर भी गन्ना किसानों की दशा नहीं सुधरी. साथा चीनी मिल अपनी स्थिति पर आंसू बहा रही है. अलीगढ़ के चंद्रभान गुप्ता और कल्याण सिंह मुख्यमंत्री रहे. वहीं, सुरेंद्र सिंह चौहान, दलवीर सिंह और वर्तमान में विधायक जयवीर सिंह यह तीनों मंत्री रहे हैं. दलवीर सिंह के पास तो गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्रालय भी रहा था.
आंकड़ों पर एक निगाह
● 05 हजार गन्ना किसान हैं जिले में वर्तमान में
● 4500 हेक्टेयर रकबा है जिले में गन्ने का
● 12500 कुंतल गन्ना पैराई प्रतिदिन की क्षमता है साथा चीनी मिल की
● 360 रुपये प्रति कुंतल कीमत/एमएसपी है गन्ने की
● 210 रुपये खर्चा आता है एक कुंतल गन्ना की फसल पैदा करने में
● 01 करोड़ रुपया बकाया है अभी किसानों का आनंद एग्रो चीनी मिल पर
वें माह यानी नवंबर में शुरू होना है पैराई सत्र
घोषणाएं की गईं पर धरातल पर कुछ नहीं
जिले के प्रभारी मंत्री रहे सुरेश राणा के पास गन्ना राज्यमंत्री का प्रभार था. उनसे किसानों ने कई दफा मुलाकात की. सीएम योगी ने विधानसभा चुनाव से पूर्व अनुपूरक बजट में घोषणा की थी कि इंटीग्रेडिट शुगर कॉम्प्लेक्स में साथा चीन तब्दील किया जाएगा. मगर, धरातल पर कुछ नहीं हुआ.