कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे और डीएम दीपक मीणा के आदेश पर अवैध निर्माणों का ड्रोन सर्वे कराया गया, खुली अवैध निर्माणों की कलई
मेरठ न्यूज़: ड्रोन सर्वे में अवैध निर्माणों की कलई खुल रही हैं। करीब एक हजार निर्माण जो अवैध हैं, वो कैमरे में कैद हो गए हैं। आखिर ड्रोन कैमरे में कैद हुए अवैध निर्मार्णों पर मेरठ विकास प्राधिकरण क्या एक्शन लेता है? यह देखना बाकी है। क्योंकि कमिश्नर सेल्वा कुमारी जे और डीएम दीपक मीणा के आदेश पर शहर में अवैध निर्माणों का ड्रोन से सर्वे कराया गया है। कुछ शहर के हिस्से में ड्रोन सर्वे हो चुका है तथा कुछ पर दीपावली के बाद किया जाना था। छुट्टी खत्म होते ही फिर से ड्रोन सर्वे शुरू हो जाएगा। अवैध निर्माणों पर अंकुश लगाने के लिए कमिश्नर ने ड्रोन सर्वे कराया है। क्योंकि इंजीनियर भी ड्रोन सर्वे के बाद यह नहीं कह सकते कि उनके जोन में अवैध निर्माण नहीं हो रहे हैं। फिर इसके अलावा शपथ पत्र भी मेरठ विकास प्राधिकरण सचिव सीपी तिवारी ने भरवाए हैं, जिनमें अवैध निर्माण यदि शपथ पत्र देने के बाद भी होना पाया जाता है तो खुद लिख कर दिया है कि फिर उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। दिए गए शपथ पत्र के बाद खुद इंजीनियर कठघरे में खड़े हो गए हैं। मेरठ विकास प्राधिकरण के सूत्रों का कहना है कि जो अब तक अवैध निर्माणों का ड्रोन सर्वे कराया गया है, उसमें करीब एक हजार अवैध निर्माण कैमरे में कैद हुए हैं। अब देखना यह है कि यह अवैध निर्माण गिराए जाते हैं या फिर नहीं? मेरठ विकास प्राधिकरण इन अवैध निर्माण को लेकर क्या रणनीति अपनाता है? यह बड़ा सवाल है।
हालांकि इतनी बड़ी तादाद में अवैध निर्माणों को गिराया जाना क्या संभव है? यह बड़ा सवाल है। अब इस पर जो भी निर्णय होगा कमिश्नर स्तर से किया जाना है। क्योंकि कमिश्नर ने ही सेल्वा कुमारी ने ही इसका सर्वे ड्रोन से कराने के आदेश दिए थे, जिसके बाद ही ड्रोन किराए पर लिए गए और यह सर्वे शुरू कराया गया है। सर्वे का काम फिलहाल चल रहा है, लेकिन प्रतिदिन ड्रोन से सर्वे के बाद जो होते हैं वो कंप्यूटर में सुरक्षित किए जा रहे हैं, जिनकी वीडियो और फुटेज प्राधिकरण के आलाधिकारी के साथ कमिश्नर आॅफिस के किसी अधिकारी से भी इसमें चेकिंग करने के लिए लगाया जा सकता हैं।