कानपूर: कांशीराम अस्पताल में तैनात डाक्टर ने मरीज को निजी अस्पताल पहुंचा कर उसकी सर्जरी की. कुछ दिन बाद मरीज की मौत हो गई. परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगा कर पुलिस कमिश्नर, सीएमओ व मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की है. जांच शुरू हो गई है.
फतेहपुर के राजनगर बहुआ टाउन निवासी सुशीला देवी ने बताया कि उनका बेटा अनुज (30) आयुष्मान कार्ड धारक था. उसका हाथ टूट गया था. तीन जुलाई को वह कांशीराम अस्पताल पहुंची. डा. सुमित मिश्रा ने आपरेशन कर हड्डी जोड़ने की बात कही. सुशीला का आरोप है कि डॉक्टर मिश्रा ने अनुज को छह जुलाई को किदवई नगर स्थित एमराल्ड अस्पताल भेज दिया. अगले दिन उन्होंने सर्जरी कर दी. हाथ के अलावा पेट में भी चीरा लगा दिया. नौ जुलाई को डिस्चार्ज करवा दिया. घर पहुंचते ही अनुज को पेटदर्द और उल्टियां होने लगी. 14 जुलाई को डॉ. सुमित ने कांशीराम अस्पताल के ओटी में चुपचाप देखा और इलाज कर भेज दिया. अनुज की हालत नहीं सुधरी. 15 जुलाई को हैलट में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई. सुशीला का आरोप है कि बेटे की मौत गलत इलाज से हुई है. सीएमओ डॉ. आलोक रंजन ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जायेगी.
परिवार हैलट ले जाने को तैयार नहीं था. मुझसे निजी अस्पताल पूछा. मैने एमराल्ड अस्पताल भेजा था. सर्जरी अस्पताल के डा. वीके मिश्रा ने की.
डॉ. सुमित मिश्रा आर्थो कांशीराम अस्पताल
सर्जरी मैंने नहीं डा. सुमित मिश्रा ने की थी. मरीज ठीक होने पर नौ जुलाई को डिस्चार्ज किया गया था. उसके बाद क्या हुआ, यह डा. सुमित बता सकते हैं.
डा. वीके मिश्रा, एमराल्ड अस्पताल
सीएमओ की कमेटी जांच कर रही है. उनकी रिपोर्ट में आपराधिक मामला बना तो कार्रवाई करेंगे.
अमरनाथ यादव, एसीपी चकेरी