शहर के युवाओं में रीढ़ की हड्डी से जुड़ी बीमारी बढ़ रही, पुरुष ज्यादा पीड़ित
गाजियाबाद न्यूज़: बदलती जीवनशैली से डिस्क स्लिप के मरीज बढ़ रहे हैं. गंभीर बात यह है कि 25 साल के युवाओं में भी यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है. इससे परेशान लोग न्यूरो सर्जन की सलाह पर फिजियोथेरेपी केंद्रों पर इलाज करा रहे हैं. नियमित व्यायाम और कुछ सावधानी बरतकर इस बीमारी से राहत पाई जा सकती है.
जिले के सरकारी और निजी फिजियोथेरेपी केंद्रों में इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों में से 50 फीसदी डिस्क स्लिप के पीड़ित हैं. एमएमजी अस्पताल के वरिष्ठ फिजिशियन डॉक्टर आरपी सिंह ने बताया कि शरीर को सीधा रखने और चलाने में रीड की हड्डी का खास महत्व है. रीढ़ की हड्डी एक-दूसरे पर खड़ी हड्डियों (कशेरुक) की एक श्रृंखला से बनी है. ऊपर से नीचे तक एक स्तंभ के रूप में सर्वाइकल स्पाइन में सात हड्डियां, वक्षीय रीढ़ में 12 और काठ की रीढ़ में पांच हड्डियां जुड़ी होती हैं. इसके बाद त्रिकास्थि और कोक्सीक्स बोन्स शामिल हैं. दैनिक गतिविधि जैसे, चलने, उठने, दौड़ने, भारी सामान उठाने इत्यादि के दौरान हड्डियों के जोड़ को किसी तरह की हानि पहुंचने को डिस्क स्लिप कहते हैं.
पुरुष ज्यादा पीड़ित
स्लिप डिस्क की समस्या रीढ़ की हड्डी के किसी भी भाग में हो सकती है. आमतौर पर यह पीठ के निचले हिस्से में होती है. एमएमजी अस्पताल के फिजियोथेरेपी विभाग के इंचार्ज सैय्यद जौहर अली नकवी बताते हैं कि केंद्र में आने वाले मरीजों में 25 साल के युवा भी हैं. यह बीमारी 50 वर्ष के लोगों को ज्यादा प्रभावित कर सकती है. यह समस्या महिलाओं की तुलना में पुरुषों को हो रही है. वहीं मोटापा यानि शरीर का अधिक वजन स्लिप डिस्क की वजह बनता है.
इस तरह से कर सकते हैं बचाव
एमएमजी अस्पताल के सीएमएस डॉ मनोज चतुर्वेदी के अनुसार, अधिक भारी सामान को न उठाएं , अपने बढ़ते वजन को नियंत्रित करें, लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठे ना रहें, बीच-बीच में उठें और अपनी मसल्स को स्ट्रेच करें, नियमित रूप से एक्सर्साइज करें, एक्सर्साइज सही विधि या ट्रेनर से सीखें.
कारण
● बढ़ती उम्र के कारण
● किसी बहुत भारी सामान को उठाने की कोशिश के दौरान
● हड्डियों की कमजोरी और अधिक शारीरिक गतिविधि
● वजन अधिक बढ़ जाने से
● गलत तरीके से एक्सरसाइज
लक्षण
● शरीर के एक हिस्से में दर्द रहना
● दर्द का हाथ और पैरों में फैलना
● रात में अचानक दर्द बढ़ जाना
● खड़े होने या चलने पर दर्द होना
● डिस्क के हिस्सों में झनझनाहट और जलन महसूस होना
● मांसपेशियों में कमजोरी