शत्रु संपत्ति मामले में सपा नेता आजम खान की जमानत पर फैसला आज

सपा के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सपा विधायक आजम खान की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट मंगलवार को फैसला सुनाएगी.

Update: 2022-05-10 05:52 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सपा के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सपा विधायक आजम खान की जमानत अर्जी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट मंगलवार को फैसला सुनाएगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट दोपहर 3:45 पर आजम खान की जमानत अर्जी पर फैसला सुनाएगी. आजम खान पर अपने रसूख का इस्तेमाल कर वक्फ बोर्ड की जमीन गलत तरीके से अपने पक्ष में कराने का आरोप है. आजम खान के खिलाफ अगस्त 2019 में शत्रु संपत्ति से जुड़े इस मामले में रामपुर के अजीम नगर थाने में केस दर्ज हुआ था. पुलिस ने इस मामले में विवेचना के बाद चार्जशीट भी दाखिल कर दी है. अगर आज आजम खान को जमानत मिल जाती है तब भी वे जेल से बाहर आ सकेंगे इस पर संशय बरकररार है. दरअसल उनके खिलाफ स्कूल की मान्यता को लेकर एक मुकदमा और दर्ज हुआ है, जिसमें वारंट सीतापुर जेल में तामील करा दिया गया है. अब इस मामले में किन धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है वह अहम होगा. अगर जमानती धाराएं होंगी तो आजम की रिहाई में अड़चन नहीं आएगी.

जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने 5 मई को सुनवाई पूरी होने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था. हालांकि इस मामले में इससे पहले भी एक बार फैसला सुरक्षित हो चुका है. 4 दिसंबर 2021 को जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की सिंगल बेंच ने फैसला सुरक्षित किया था. लेकिन साढ़े तीन महीने से ज्यादा समय तक फैसला न आने के बाद इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट पर तल्ख टिप्पणी की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जजमेंट रिजर्व होने के 137 दिन बाद भी फैसला न सुनाया जाना सही नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह न्याय का माखौल उड़ाना है. अगर हाईकोर्ट फैसला नहीं करता है तो हम दखल देंगे। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बी आर गवई की बेंच ने सुनवाई की थी. सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में बुधवार 11 मई को फिर से सुनवाई है.
86 मामलों में आजम को मिल चुकी है जमानत
गौरतलब है कि मोहम्मद आजम खान के खिलाफ कुल 87 आपराधिक मामले दर्ज हैं. जिनमें से 86 मामलों में आजम खान को जमानत मिल चुकी है. उनके खिलाफ आखिरी मामला शत्रु संपत्ति से जुड़ा हुआ है. इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रही थी. इससे पहले 4 दिसंबर 2021 को हाईकोर्ट ने इस मामले में बहस पूरी होने के बाद जजमेंट रिजर्व कर लिया था. लेकिन करीब साढे 4 माह तक इस मामले में फैसला ना आने के बाद यूपी की योगी सरकार ने हाईकोर्ट में अर्जेंसी एप्लीकेशन और सप्लीमेंट्री दाखिल की. सरकार ने कोर्ट से मांग की कि इस मामले में कुछ नए तथ्य सामने आए हैं जिन्हें वह कोर्ट में पेश करना चाहती है। कोर्ट ने राज्य सरकार की अर्जी स्वीकार करने के बाद इस मामले में दोबारा सुनवाई शुरू की. बुधवार 4 मई और 5 मई दो दिनों तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.
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