अदालत ने बिसाहड़ा कांड में संगीत सोम को भड़काऊ भाषण देने के आरोप में आर्थिक जुर्माने की सजा सुनाई
मेरठ न्यूज़: नोएडा की एक अदालत ने फायर ब्रांड नेता और पूर्व विधायक संगीत सोम को धारा-144 के उल्लंघन का दोषी करार देते हुए 800 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। संगीत सोम ने दादरी के बिसाहड़ा गांव में जाकर धारा-144 का उल्लंघन किया था। करीब सात साल तक ये मुकदमा नोएडा की कोर्ट में चला था।अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय की अदालत ने सरधना से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक संगीत सोम को सजा सुनाई है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय की अदालत ने सरधना से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक संगीत सोम को सजा सुनाई है। संगीत सोम के खिलाफ यह फैसला बिसाहड़ा कांड से जुड़ा है। 28 सितंबर 2015 की रात को हत्या का आरोप लगाकर बुजुर्ग अखलाक की भीड़ ने हत्या कर दी थी। उनके बेटे दानिश को भी अधमरा कर दिया था। इस वारदात के बाद पूर्व विधायक संगीत सोम ने बिसाहड़ा गांव में जाकर भड़काऊ बयान दिया था। इसके बाद तत्कालीन अखिलेश यादव सरकार ने कार्रवाई की। उस कार्रवाई की खिलाफत करते हुए सरधना से तत्कालीन भारतीय जनता पार्टी के विधायक संगीत सोम चार अक्टूबर को बिसाहड़ा गांव में पहुंचे। संगीत के खिलाफ पुलिस ने निषेधाज्ञा यानी सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में आईपीसी की धारा 188 के तहत मुकदमा दर्ज किया। उन पर भड़काऊ बयान देने का आरोप भी था। उस मामले में पुलिस ने संगीत सोम के खिलाफ आरोप पत्र गौतमबुद्ध नगर के अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय की अदालत में दाखिल किया। जिस पर सुनवाई चल रही थी।
अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय ने पूर्व विधायक संगीत सोम को दोषी करार दिया है। संगीत पर निषेधाज्ञा तोड़ने का दोष सिद्ध करते हुए रुपये 800 का अर्थदंड लगाया गया है। मिली जानकारी के मुताबिक पूर्व विधायक ने अर्थदंड की अदालत में जमा कर दी है। बिसाहड़ा कांड से जुड़े मुख्य मुकदमे की सुनवाई जिला न्यायालय की फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही है। जिसमें पिछले दिनों अखलाक की बेटी शाइस्ता ने बयान दर्ज करवाए थे। इस मामले में शाइस्ता चश्मदीद गवाह है।