बरेली से आ रहा मौत का चाइनीज मांझा, गोदामों से बिक रहे मौत के मांझे से पुलिस बेखबर

Update: 2023-01-16 10:55 GMT

मेरठ: क्रांतिधरा में सबसे ज्यादा पतंग बसंत पंचमी को उड़ाई जाती है और सबसे ज्यादा घटनाएं चाइनीज मांझे से होती है। पुलिस हर बार दावा करती है कि चाइनीज मांझे को बिकने नहीं देगी लेकिन उसके दावे हवा हवाई साबित होते हैं। दरअसल मेरठ में चाइनीज मांझा दिल्ली और बरेली से आ रहा है। पुलिस के डर से व्यापारी अपनी दुकान पर रखकर नहीं बेच रहे हैं। जान पहचान वालों को थोड़ा इंतजार करने की बात करके गोदाम से लाकर मांझा बेचा जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा मांझा बरेली में बनता है। देशी मांझे के मुकाबले चाइनीज मांझा जहां सस्ता है वहीं जानलेवा है। बरेली से लाकर पतंगे और मांझे का व्यापार किया जाता है। हालांकि देशी मांझा की किस्में है और उसमें मिलावट होने के कारण लोगों का रुझान कम हो रहा है, इस लिये प्लास्टिक और लोहे के बुरादे से बनने वाले इस मांझे को चोरी छुपे लाकर बेचा जा रहा है। हालांकि इस मांझे ने कई लोगों की जानें ली है और कई लोगों की जान को खतरे में डाल चुका है।

खैरनगर में पतंग बेचने वालों का हब है। इसके अलावा गोलाकुंआ में शहर के पुराने पतंग विक्रेता मौजूद है। बसंत पंचमी से पहले इन बाजारों में लाखों रुपये की खरीद फरोख्त रोज होती है। पुलिस की मिलीभगत से बाजारों में चीनी मांझा तेजी से बिक रहा है और पुलिस पूरी तरह से नजरअंदाज कर रही है। लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद पुलिस अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नही की है।

यही कारण है कि रविवार को भी लोग चाइनीज मांझा खरीदते हुए देखे गए। पिछले छह महीने में चीनी मांझे की चपेट में आने से 30 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं। चीनी मांझा बेचने वालों के खिलाफ पुलिस द्वारा ठोस कार्रवाई नहीं होने पर यह जानलेवा मांझा लगातार बाजारों में बेचा जा रहा है। हालांकि, पिछले महीने कबाड़ी बाजार में अर्जुन का हाथ मांझे से कट गया था। पिछले महीने पुलिस ने मांझा बेचने वालों के खिलाफ अभियान चलाया था। इसमें देहलीगेट, लिसाड़ीगेट और कोतवाली पुलिस ने दो दर्जन से अधिक मांझे की चरखियां बरामद की थी।

पुलिस ने कई लोगों को पकड़ा और पैसा लेकर छोड़ दिया था। इस वक्त खैर नगर और गोलाकुंआ में मांझा ज्यादा बिक रहा है। पुलिस के छापा मारने से पहले वहां सूचना पहुंच जाती है। बसंत पंचमी और गणतंत्र दिवस के मौके पर पतंगे ज्यादा उड़ती है और लोगों ने अभी से चरखी और सद्दी खरीदनी शुरु कर दी है। सस्ता होने के कारण लोग चाइनीज मांझा ज्यादा पसंद करते हैं और हर कोई इसे खरीदने की जुगाड़ में लगा हुआ है।

पुलिस ने पकड़ा, लोगों को किया गिफ्ट

चाइनीज मांझे को लेकर पुलिस जब भी कार्यवाही करती है और चरखियां बरामद करती है, उनमें से अधिकाशंत अपने चहेतों को गिफ्ट कर देती है। 2020 में देहलीगेट, लिसाड़ीगेट और नौचंदी थाने ने बेइंतहा चाइनीज मांझा बरामद किया था लेकिन उसका 50 फीसदी से अधिक माल थानेदारों ने खफा दिया था। कुछ चरखियां दुकानदारों को औने पौने दामों में बेच दी गई थी और कुछ अपने खास लोगों को पकड़ा दी गई थी।

कब-कब हुए हादसे:

15 अगस्त 2022-मेट्रो प्लाजा के पास एमडीए के चतुर्थ कर्मचारी की गर्दन जख्मी हो गई थी।

15 अगस्त 2022-टीपीनगर थाने के पास बच्ची चीनी मांझे की चपेट में आने से जख्मी हो गई थी।

15 अगस्त 2022-लिसाड़ी गेट क्षेत्र में चीनी मांझे में करंट आने से एक बच्चे का हाथ झुलस गया था।

23 सितंबर 2021-पल्हैड़ा फ्लाईओवर पर चीनी मांझे से बीफार्मा के छात्र का गला कट गया था।

29 सितंबर 2020-गढ़ रोड पर शाहजहांपुर में बाइक सवार की चीनी मांझे से गर्दन कटी।

22 जनवरी 2020-गढ़ रोड पर सीमेंट व्यापारी की चीनी मांझे से गर्दन कटी।

27 नवंबर 2019-मलियाना पुल पर मांझे से युवक की गर्दन कटी।

चीनी मांझा बेचते अगर कोई पकड़ा गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। सभी थानेदारों को सख्त निर्देश दिये गए हैं कि लापरवाही की गई तो दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। देहलीगेट और लिसाड़ीगेट में ज्यादा पतंगे बिकती हैं और उन पर नजर रखी जा रही है। -रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी मेरठ

चीनी मांझा बेचने वालों के खिलाफ पहले भी अभियान चलाकर कार्रवाई की जा चुकी है। अब फिर से अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी। जो भी इस कार्य संदिप्त पाया गया उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। -पीयूष सिंह, एसपी सिटी।

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