प्रसव केंद्र ही बनकर रह गए हैं सीएचसी

Update: 2023-06-10 05:54 GMT

बरेली न्यूज़: सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र महज प्रसव केंद्र बनकर रह गए हैं और आम बीमारी के मरीजों को भर्ती करने में डॉक्टर-स्टाफ दिलचस्पी नहीं दिखा रहे. मरीजों को ओपीडी से दवा देकर ही वापस किया जा रहा है. हालत गंभीर होने पर उनको जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाचा है. जननी सुरक्षा योजना के मरीजों को छोड़कर अन्य मरीजों के भोजन का पैसा ही विभाग सालों से नहीं दे रहा है.

एक लाख की आबादी पर एक सीएचसी थी. लक्ष्य आसपास की आबादी को चिकित्सीय सुविधाएं देना था. लेकिन बीते कई सालों से सीएचसी की भूमिका डिलीवरी प्वाइंट तक ही सिमट कर रह गई है. 30 बेड वाली सीएचसी में जननी सुरक्षा योजना के मरीज ही सबसे अधिक भर्ती हो रहे हैं. अप्रैल माह में जननी सुरक्षा योजना के तहत 1487 प्रसव हुए. वहीं निशुल्क भोजन प्राप्त करने वाले लाभार्थियों की संख्या 1493 थी.

बच्चों को दस्त होने पर दें ओआरएस का घोल

बच्चों को दस्त और उल्टी होने पर साफ पानी में ओआरएस मिलाकर दिया जाना चाहिए. इससे शरीर में पानी की कमी नहीं होती है. जानकारी सीबीगंज सीएचसी में सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़े के शुभारंभ के दौरान एसीएमओ डाक्टर हरपाल सिंह ने कही.

अभियान का उद्घाटन मेयर डॉक्टर उमेश गौतम ने किया. उन्होंने बताया कि यह घोल पीने के कुछ मिनटों के अंदर ही काम करना शुरू कर देता है. ओआरएस से आंतें सोडियम के साथ ग्लूकोज और पानी को अवशोषित कर लेती हैं जिससे शरीर हाइड्रेट रहता है.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा दस्त प्रबंधन के प्रति जागरूक करने को 22 जून तक सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा मनाया जाएगा. इस दौरान आशा 5 साल तक के बच्चों के घर जाकर उनके परिजनों को दस्त नियंत्रण की जानकारी देंगी और बच्चों के लिए ओआरएस का पैकेट दिया जाएगा. अभिभावकों को दस्त के दौरान ओआरएस और जिंक के उपयोग को लेकर जागरूक किया जाएगा.

Tags:    

Similar News

-->