सीबीआई पैटर्न पर चार्जशीट जमानत होगी मुश्किल

Update: 2023-05-18 15:00 GMT

बरेली न्यूज़: केंद्रीय कारागार-2 में प्रयागराज के माफिया पूर्व विधायक खालिद अजीम उर्फ अशरफ से अवैध मुलाकात के मामले में एसआईटी ने लल्ला गद्दी समेत नौ आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल की है. अब सामने आया है कि एसआईटी ने इस चार्जशीट को तैयार करने में सीबीआई पैटर्न पर सीआरपीसी की धारा 173(6) का इस्तेमाल किया है. इसके चलते आरोपियों को जमानत पर बाहर आना मुश्किल साबित होगा.

यही वजह है कि जिन तीन आरोपियों ने जमानत अर्जी लगाई थी, उसे खारिज कर दिया गया है. प्रयागराज में थाना धूमनगंज के मोहल्ला चकिया निवासी माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ को नैनी जेल से 11 जुलाई 2020 को केंद्रीय कारागार-2 में स्थानांतरित किया गया था. 24 फरवरी को प्रयागराज में अधिवक्ता उमेश पाल की हत्या में अशरफ को भी नामजद किया गया और फिर जांच केंद्रीय कारागार-2 तक पहुंच गई. इस दौरान सामने आया कि जेल में अशरफ से गुर्गे मुलाकात करते थे.

नौ पर लगी है चार्जशीट

एसआईटी ने इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार करके जेल भेजा. इनमें बंदीरक्षक शिवहरि अवस्थी, कैंटीन का सामान सप्लायर सैदपुर कुर्मियान निवासी दयाराम उर्फ नन्हें, राशिद अली पुत्र वारिस अली निवासी ग्राम परौर थाना मीरगंज, फुरकान नवी खान पुत्र इम्तियाज नवी खान निवासी मोहल्ला मुंशीनगर थाना इज्जतनगर, पीलीभीत जेल में तैनात बंदीरक्षक मनोज गौड़, मोहल्ला चक महमूद का मोहम्मद सरफुद्दीन, इज्जतनगर के गांव परतापुर जीवन सहाय का प्रॉपर्टी डीलर फरहद उर्फ गुड्डू, चक महमूद का मोहम्मद रजा उर्फ लल्ला गद्दी और पीलीभीत का आरिफ शामिल था.

जाने धारा 173(6)

इस मामले की चार्जशीट में विवेचक ने सीआरपीसी की धारा 173(6) का इस्तेमाल किया है. इसका मतलब होता है कि चार्जशीट में जो दस्तावेज शामिल किए हैं, वे अति गोपनीय हैं. किसी व्यक्ति को उपलब्ध न कराए जाएं. अगर आरोपी पक्ष का वकील इन दस्तावेजों को हासिल करना चाहेगा तो उसे कोर्ट में आवेदन करके इसके लिए बहस करनी होगी. कोर्ट के संतुष्ट करने के बाद ही उसकी कॉपी मिल सकेगी.

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