परीक्षकों की लापरवाही से स्टूडेंट्स का करियर दांव पर! 82 नंबर मिले लेकिन टीचर ने 1 नंबर देकर कर दिया फेल
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 में परीक्षकों की लापरवाही से छात्र-छात्राओं का करियर दांव पर लगने की नौबत आ गई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 में परीक्षकों की लापरवाही से छात्र-छात्राओं का करियर दांव पर लगने की नौबत आ गई है। 12वीं के छात्र जैनिस सोनकर को पास के बावजूद फेल कर दिया गया।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2022 में परीक्षकों की लापरवाही से छात्र-छात्राओं का करियर दांव पर लगने की नौबत आ गई है। ऐसे ही एक मामले में पंडित दीन दयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज सोनई मथुरा के 12वीं के छात्र जैनिस सोनकर को पास के बावजूद फेल कर दिया गया। परीक्षक ने मूल्यांकन के बाद कॉपी पर तो 82 नंबर लिखे लेकिन अवार्ड ब्लैंक पर सिर्फ एक नंबर चढ़ा दिया। एक नंबर ही इंटरमीडिएट का रिजल्ट बनाते समय कम्प्यूटर पर दर्ज कर उसे फेल कर दिया गया।
यूपी बोर्ड के मेरठ क्षेत्रीय कार्यालय के क्षेत्रीय सचिव कमलेश कुमार ने इस मामले में दोषी परीक्षक को डिबार करने की संस्तुति की है। 18 जून को घोषित परिणाम में जैनिस को अंग्रेजी, भौतिक और रसायन विज्ञान में फेल कर दिया गया। इससे असंतुष्ट छात्र ने स्क्रूटनी के लिए आवेदन किया। इस दौरान 11 जुलाई को घोषित जेईई मेन्स सत्र एक 2022 के परिणाम में उसे 80.48 परसेंटाइल प्राप्त हुए। जेईई-एडवांस्ड की परीक्षा में शामिल होने के लिए इंटर पास के प्रमाणपत्र की आवश्यकता हुई तो उसने हाईकोर्ट में याचिका कर दी।
कोर्ट के आदेश पर हुई जांच में परीक्षक की लापरवाही सामने आई है। मेरठ कार्यालय की ओर से मुख्यालय को भेजी रिपोर्ट के अनुसार छात्र को अंग्रेजी विषय में 82 नंबर मिले थे। स्क्रूटनी में भौतिक विज्ञान में चार के स्थान पर आठ और रसायन विज्ञान में एक के स्थान पर 10 अंक की वृद्धि हुई और 13 नंबर हो गए। 12वीं में 70 नंबर की भौतिक व रसायन विज्ञान की परीक्षा में न्यूनतम 23 नंबर मिलने चाहिए। लेकिन मॉडरेशन के बाद उसे पास घोषित कर दिया गया। संशोधन के बाद उसका कुल प्राप्तांक 246 के स्थान पर 326 हो गया और वह प्रथम श्रेणी में पास है। गौरतलब है कि जैनिस को हाईस्कूल में 87.05% और 11वीं में 97% अंक प्राप्त हुए थे।