आगरा: जिला अस्पताल में दलालों की पैठ का उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने संज्ञान लिया है. उन्होंने सीएमओ को आदेश दिए हैं कि चार दिन में जांच पूरी करके कार्रवाई करें. अस्पताल में भर्ती मरीज ने ही उनसे शिकायत की थी.
लंबे समय से जिला अस्पताल में दलालों के कारनामे सामने आ रहे हैं. हद यह कि दलाल डाक्टरों पर भी हावी हैं. उनकी कुर्सियों के बगल में बैठते हैं. डाक्टरों से मनचाही दवाओं के ब्रांड लिखवाते हैं. कई बार यह पकड़ा भी जा चुका है. बीते दिनों एक सरदार को डाक्टर के बगल में बैठकर दवाएं लिखवाते पकड़ा गया था. बाद में पता चला कि वह एक स्थानीय जनप्रतिनिध का करीबी है, इसलिए अस्पताल में उसकी चलती है. सभी विभागों के डाक्टरों से वह मनचाही फार्मास्युटिकल कंपनियों की दवाएं लिखवाता है. गरीब मरीजों को अस्पताल से नहीं, बाहर से दवा खरीदनी पड़ती है. ताजा मामले में अस्पताल के मरीज अरशद ने डिप्टी सीएम तक शिकायत पहुंचाई है. कहा है कि अस्पताल के हर विभाग पर दलालों का कब्जा है. इस पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सीएमओ को चार दिनों में जांच पूरी कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
जांच करने वाले भी बाहर के
अस्पताल में खून, पेशाब की जांच करने वाले भी आते हैं. ये लोग रैपिड किट से जांच करते हैं. सूत्रों के मुताबिक निजी पैथोलाजी के ये एजेंट एक जांच के 200 रुपये वसूलते हैं. इसमें 100 रुपये का शेयर अस्पताल के लोगों का होता है. यह डाक्टर या पैरा मेडिकल कर्मचारी हो सकते हैं. पूर्व में ऐसे मामले पकड़े गए.
बाहर की दवाई लिखते हैं डाक्टर
अस्पताल के चारों ओर मेडिकल स्टोर्स की भरमार है. यहां मरीजों का तांता लगा रहता है. अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक के मुताबिक स्टोर में सभी दवाएं उपलब्ध हैं. फिर भी हर पर्चे पर लिखी पांच में से दो दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती हैं. केमिस्ट के एजेंट और डाक्टरों की मिलीभगत है. कमीशन मिलता है.