कांग्रेसियों के लिए दक्षिणी चक्रव्यूह को तोड़ना बड़ी चुनौती

दक्षिण के लिए कांग्रेस ने बिछाई बिसात

Update: 2024-04-11 11:43 GMT

लखनऊ: लोकसभा चुनाव में कानपुर सीट पर जीत का परचम लहराने में कांग्रेसियों के लिए दक्षिणी चक्रव्यूह को तोड़ना बड़ी चुनौती है. पिछले दो चुनाव में हार की वजह दक्षिण क्षेत्र के मतदाताओें की नाराजगी रही है. कांग्रेस के दिग्गज भी मान रहे हैं कि क्षेत्र में पुराना रुतबा पाने के लिए ब्राह्मणों को फिर से जोड़ना जरूरी है. बिना इनके साथ के जीत की वैतरणी पार करना आसान नहीं है. इसके लिए पार्टी ने खास तैयारी भी की है.

2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में दक्षिण की किदवई नगर और गोविंदनगर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की करारी हार हुई थी. 2014 में भाजपा के डॉ मुरली मनोहर जोशी ने कांग्रेस के श्रीप्रकाश जायसवाल को 2 लाख 22 हजार 946 वोटों के बड़े अंतर से हराया था. इस जीत में किदवई नगर और गोविंद नगर विधानसभा की बड़ी भूमिका थी. 2014 में भाजपा प्रत्याशी को गोविंद नगर से 1,24,474 तो कांग्रेस को महज 36,382 वोट मिले थे. किदवई नगर विधानसभा में भाजपा को 1,38, 6 तो कांग्रेस को 35, 965 वोट मिले. यानी दो लाख वोटों का अंतर इन्हीं दोनों विधानसभा से मिला था. वहीं 2019 के चुनाव में भी यही हाल रहा. हालांकि किदवई नगर और गोविंदनगर में कांग्रेस को पहले की तुलना में अधिक वोट मिले, लेकिन सत्यदेव पचौरी को मिले वोट कहीं ज्यादा थे.

ब्राह्मण नेताओं को जीत की बिसात बिछाने की जिम्मेदारी

दक्षिण में पैठ में लगी कांग्रेस ने पार्टी के ब्राह्मण नेताओं को आगे किया है. इसके लिए बनी कमेटी में कई पूर्व विधायक भी शामिल हैं. पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र, नेकचन्द्र पांडेय, गणेश दीक्षित के अलावा मदनमोहन शुक्ला, दिलीप बाजपेई, दिलीप शुक्ला, मनीष बाजपेई, लल्लन अवस्थी समेत 11 ब्राह्मण नेताओं को पार्टी से नाराज ब्राह्मण वोटरों को फिर से जोड़ने का जिम्मा दिया गया है.

साल बाद ब्राह्मण प्रत्याशी

1996 में कांग्रेस ने चुनाव में ब्राह्मण प्रत्याशी को कानपुर सीट से उतारा था. कांग्रेस ने भूधर नारायण मिश्रा को टिकट दिया था. भूधर नारायण 47 हजार वोट ही पा सके थे. साल बाद फिर से ब्राह्मण प्रत्याशी होने से मानना है इससे नाराज ब्राह्मण वोटर फिर से पार्टी से जुड़ेंगे.

ब्राह्मण प्रत्याशी होने का फायदा पार्टी को मिलेगा. दक्षिण क्षेत्र में दो चुनाव में हार मिली, इस बार तैयारी पुख्ता है. ब्राह्मण नेताओं को ब्राह्मण वोटरों को फिर से जोड़ने की जिम्मेदारी दी गई है. - नौशाद आलम मंसूरी, अध्यक्ष कांग्रेस

पार्टी ने ब्राह्मण नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी है. किदवई नगर व गोविंदनगर क्षेत्र के अलावा सभी पांचों सीटों पर हम काम करेंगे. पार्टी से दूर हो चुके ब्राह्मण वोटर निश्चय ही फिर हमारा साथ देंगे. -भूधर नारायण मिश्र, पूर्व विधायक

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