मुस्लिमों पर भाजपा के सियासी प्रयोगों का इम्तिहान

Update: 2023-04-28 12:03 GMT

लखनऊ न्यूज़: बीते चुनावों में मुस्लिम प्रत्याशी उतारने से परहेज करने वाली भाजपा ने इस बार अपनी रणनीति बदली है. पार्टी ने पहली बार बड़ी संख्या में मुस्लिमों पर दांव लगाया है. पार्टी ने नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में मुस्लिमों को तकरीबन 350 टिकट दिए हैं. इनमें पांच नगर पालिका अध्यक्ष और करीब तीन दर्जन नगर पंचायतों के चेयरमैन पद के प्रत्याशी शामिल हैं. निकाय चुनावों में भाजपा के इसी प्रयोग का इम्तिहान है. वहीं स्वार विधानसभा सीट के उपचुनाव में पार्टी अपने सहयोगी अपना दल (एस) के मुस्लिम चेहरे को जिताने के लिए दम लगाएगी.

नगर निगमों में तो भाजपा का लगातार दबदबा रहा है. पिछले चुनाव में भी पार्टी ने 16 में से 14 नगर निगमों में जीत हासिल की थी. मगर तमाम नगर पालिका और नगर पंचायतों का सामाजिक समीकरण पार्टी के लिए मुफीद नहीं रहा है. यही कारण है कि वहां सपा, बसपा और कांग्रेस के अलावा बड़ी संख्या में निर्दलीय भी जीत का परचम लहराते रहे हैं.

पांच नगर पालिका अध्यक्ष के टिकट दिए इस बार भाजपा ने ज्यादा से ज्यादा निकाय जीतने का लक्ष्य रखा है. अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों की सीटों को जीतने के लिए मुस्लिमों पर दांव लगाया गया है. बिजनौर की अफजलगढ़ नगर पालिका अध्यक्ष के लिए खतीजा, रामपुर की टांडा नगर पालिका अध्यक्ष के लिए मेहनाज जहां, रामपुर नगर पालिका अध्यक्ष पद पर डा. मुसरेत मुजीव को उतारा गया है. वहीं बदायूं की ककराला नगर पालिका अध्यक्ष पद पर मरगून अहमद खां और आजमगढ़ की मुबारकपुर नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए तमन्ना बानो को प्रत्याशी बनाया गया है.

पश्चिम में सर्वाधिक टिकट मुस्लिम चेहरों को सर्वाधिक टिकट पश्चिम क्षेत्र में मिले हैं. पश्चिम क्षेत्र की 18 नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के लिए मुस्लिम प्रत्याशी भाजपा ने उतारे हैं. ब्रज क्षेत्र में ऐसे चेहरों की संख्या आठ है. अवध क्षेत्र में छह और गोरखपुर क्षेत्र में दो नगर पंचायतों में मुस्लिम चेहरे पार्टी ने दिए हैं. यही नहीं सहारनपुर, बिजनौर, मुजफ्फर नगर, शामली, गोरखपुर, जौनपुर, लखनऊ, सहित कई जिलों में नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों में पार्षद और सभासद के टिकट दिए गए हैं.

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