पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर का बड़ा बयान

Update: 2022-04-21 10:08 GMT

लखनऊ: पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर का आरोप है कि जेल से बाहर आने के बाद हजरतगंज थाने में उनसे मारपीट हुई है. अमिताभ ठाकुर इस मामले में FIR दर्ज कराने की मांग की है. इस दौरान उन्होंने मेडिकल रिपोर्ट भी पेश की.

दरअसल, अमिताभ ठाकुर को 27 अगस्त 2021 को गिरफ्तार किया गया था. उन पर मुख्तार अंसारी के कहने पर रेप के आरोपी सांसद अतुल राय को बचाने के लिए आपराधिक षड्यंत्र रचने का आरोप था. ठाकुर को जब गिरफ्तार करने के लिए पुलिस पहुंची थी, तो वे गाड़ी में बैठने से इनकार कर रहे थे. पुलिस ने उन्हें जबरन गाड़ी में बैठाया. वे पुलिस अधिकारियों से एफआईआर दिखाने की मांग कर रहे थे. आरोप है कि इस दौरान उन्होंने एक पुलिसकर्मी पर हाथ भी उठाया था. उन्होंने दावा किया कि हजरतगंज थाने में उनके साथ मारपीट और गाली-गलौज की गई. इसी संबंध में लखनऊ के पुलिस कमिश्नर से एफआईआर की मांग की है.
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कहा कि उन्हें 27 अगस्त को घर से उठाकर थाना हजरतगंज लाया गया था. जहां उनके साथ मारपीट और गाली-गलौज की गई. उन्होंने कहा कि थाना हजरतगंज की जीडी संख्या 44 में साफ लिखा है कि अमिताभ को कोई चोट नहीं लगी थीं. हालांकि शाम में जब सिविल अस्पताल में मेडिकल टेस्ट कराए गए, तो उनके शरीर पर 6 मल्टीपल खरोंच और चोटें पायी गई. जो अगले दिन 28 अगस्त को जेल में हुए मेडिकल में भी पुष्टि हुआ. अमिताभ ने इन चोटों को थाने में हुई मारपीट का नतीजा बताते हैं. अमिताभ ठाकुर ने तुरंत एफआईआर की मांग की है. अमिताभ सात महीने जेल में रहने के बाद 15 मार्च 2022 को जेल से बाहर आए.
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