सरकारी विभाग में हुए बड़ी लूट का खुलासा, किसानों को 17 लाख का पानी और खिलाया 20 लाख का डोसा

खुलासा

Update: 2021-08-30 15:15 GMT

उत्तर प्रदेश के झांसी में किसान रक्षा पार्टी के बैनर तले विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत किसानों ने सोमवार को कृषि विभाग में उनके नाम पर की गयी सरकारी पैसे की बड़ी लूट का खुलासा किया। किसान रक्षा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष गौरीशंकर बिदुआ ने आरटीआई कार्यकर्ता मुदित चिरवारिया की मौजूदगी में पत्रकारों के समक्ष कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों के नाम पर की गयी बड़ी लूट का खुलासा साक्ष्य सहित किया। श्री बिदुआ ने बताया कि कृषि विभाग की दो इकाइयां राष्ट्रीय जलागम झांसी व राष्ट्रीय जलागम चिरगांव से जन सूचना अधिकार कानून के तहत प्राप्त सूचनाओं के आधार पर जो जानकारी मिली।

इसमें पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेन वाटर हावेर्स्टिंग योजना अंतर्गत कराए गए कार्यों में गंभीर अनियमितताएं पाई गयी हैं। इसमें मुख्य रूप से दशार्ए गए वाहनों में कार्य के लिए लगाई गई लेबर में दशाए गए नाम संभ्रांत नागरिकों और बड़े काश्तकारों के हैं। इनके परिवार में कभी किसी ने मजदूरी नहीं की है। पक्के कार्य के लिए खरीदे गए बोल्डर, गिट्टी, सीमेंट व बालू आदि के बिल वाउचर में जमकर धांधली हुई है। पुष्टि हेतु प्रपत्र संलग्न है। वर्ष 2019-20 में उप कृषि निदेशक प्रसार के कायार्लय से किसान गोष्ठी में 20 लाख रुपए के डोसा कानपुर के बाबा अम्बि डोसे वाला से मंगाकर किसानों को खिला दिए। इसी वर्ष दयाराम प्रजापति स्वीट मेकर से 5 लाख रुपए की मीठाई किसानों को खिलाई गई। मामला यही नहीं रुका, किसानों को 17 लाख का पानी भी पिलाया गया जबकि पूरे जनपद में ढूंढने पर एक भी किसान ऐसा नहीं मिला जिसको गोष्टी एवं कृषि विभाग द्वारा आयोजित किसी भी कार्यक्रम में डोसा या मिठाई खिलाई गई हो।

उप कृषि निदेशक प्रसार के कार्यालय के द्वारा तीन प्राइवेट फर्म व तीन एनजीओ को लगभग 92 लाख का किया गया भुगतान विशेष संदिग्ध है। जन सूचना के तहत उक्त धन के बिल वाउचर तो मांगे गए लेकिन अभी तक विभाग द्वारा दिए नहीं गए। विभाग द्वारा सरकारी धन को अपने ही कार्यालय के कर्मचारियों के खातों में जो भुगतान किया गया वह संदिग्ध भी है। उन्होंने बताया कि किसानों की उन्नति के लिए सरकार द्वारा दिए गए धन की सामूहिक लूटपाट का उदाहरण शायद ही कहीं और देखने को मिले यदि किसानों के लिए आया पैसा किसानों को मिलने लगे तो बुंदेलखंड से भुखमरी पलायन एवं आत्महत्याओं का दौर खत्म हो जाए। उन्होंने यह भी बताया कि जन सूचना द्वारा प्राप्त दस्तावेजों को सभी किसान उच्च स्तरीय जांच हेतु मंडलायुक्त को एक सितंबर को सौंपेंगे ताकि भ्रष्ट अधिकारियों पर अंकुश लगाया जा सके।

इस अवसर पर जगदीश सिंह, जय सिंह, पवन तिवारी, श्यामसुंदर तिवारी ,अमर सिंह ,पप्पू पाल पुखन्न, लालकुमार, राजाबेटी, रजिया, राजकुमारी, हरिदास पाल, प्रसादी पाल आदि महिला किसान सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे। गौरतलब है कि किसान इससे पहले वन विभाग और फिर सिंचाई विभाग में उनके नाम पर हुई लूट का साक्ष्य सहित खुलासा कर चुके हैं।

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