इलाहाबाद न्यूज़: जीआईएस सर्वे के आधार पर बढ़े गृहकर से मिनी सदन ने स्वकर निर्धारण का प्रस्ताव पास कर शहर के हजारों भवनस्वामियों को बड़ी राहत दी है. नगर निगम प्रशासन स्वकर निर्धारण की व्यवस्था इसी सप्ताह लागू करेगा. इसके लिए भवनस्वामी को खास तरह के प्रोफार्मा में अपने भवन का ब्योरा देना होगा. गलत जानकारी पर दोगुना गृहकर देना होगा.
गृहकर पर मिनी सदन में संकल्प पारित होने के बाद माना जा रहा था कि जीआईएस सर्वे के आधार पर नगर निगम भवनस्वामियों को डिमांड बिल देना बंद कर देगा, लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है. नगर निगम भवनस्वामियों को जीआईएस के आधार पर ही डिमांड बिल भेजेगा. भवनस्वामी को लगता है कि उनके घर के कवर्ड एरिया से अधिक गृहकर का डिमांड बिल भेजा गया है तो इस पर आपत्ति या स्वकर निर्धारण के लिए प्रोफार्मा भरेंगे. यह प्रोफार्मा नगर निगम से जारी कर सकता है. प्रोफार्मा में भवनस्वामी को अपने भवन का पूरा ब्योरा देना होगा. इसी ब्योरा के आधार पर नगर निगम गृहकर में संशोधन करेगा. मुख्य कर निर्धारण अधिकारी पीके द्विवेदी ने बताया कि सदन में हुए निर्णय के अनुसार भवनस्वामी 31 अक्तूबर तक प्रोफार्मा पर आपत्ति या स्वकर निर्धारण के लिए घर का दस्तावेज दे सकते हैं. 31 अक्तूबर के बाद जीआईएस के आधार पर भेजे जाने वाला डिमांड बिल जमा करना होगा. नगर निगम के एक अधिकारी के अनुसार जीआईएस निरस्त नहीं हुआ है. यह पूर्व की भांति बरकरार है.
वित्तीय वर्ष 2022-23 से ही देना होगा संशोधित गृहकर वित्तीय वर्ष 2022-23 से ही संशोधित गृहकर देना होगा. पार्षद चालू वित्तीय वर्ष से संशोधित गृहकर लागू करने की मांग कर रहे थे. अधिकारियों के अनुसार सदन में पिछले वित्तीय वर्ष से गृहकर नहीं लेने से संबंधित कोई निर्णय नहीं हुआ है.