जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उत्तर प्रदेश के बांदा से एक बड़ी खबर आई है। जी दरअसल यहाँ हुए नाव हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है राहत और बचाव कार्य में जुटीं एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम ने 13 लोगों का रेस्क्यू कर लिया है। हालाँकि अभी भी 17 लोगों की तलाश जारी है। सामने आने वाली रिपोर्ट के मुताबिक, नदी पार कर रही नाव में 33 लोग सवार थे। खबरों के मुताबिक़ बांदा में देर रात एनडीआरएफ टीम के साथ जिले के डीएम अनुराग पतले, एएसपी लक्ष्मी निवास मिश्रा और एडीएम सुरभि देर रात रेस्क्यू ऑपरेशन में नदी में उतरे। वहीं दोनों टीमों द्वारा देर रात करीब 1:30 बजे तक रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा और उसके बाद रात में बंद रहने के बाद सुबह छह बजे से ऑपरेशन फिर से शुरू हो गया है।
इस मामले में डीएम अनुराग पटेल ने बताया कि रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। अभी तक 13 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है, अभी भी 17 लोगों को मिसिंग बताया जा रहा है। उसमें कुछ अपने घर पहुंच गए हैं। वहीं 17 लोगों की तलाश की जा रही है। बीएसए यूनिट, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर मौजूद हैं। इनके साथ लोकल गोताखोर, स्टीमर और नाविक भी हैं, जो इनको गाइड करेंगे। इस मामले में स्थानीय विजय शंकर ने बताया कि हर साल रक्षाबंधन के दिन यमुना नदी के किनारे मेला लगता है, और यमुना नदी की पूजा की जाती है। आपको बता दें कि इस मेले को नवी मेला कहते हैं जिसमें सभी गांव वाले शामिल होते हैं और नाच-गाने का कार्यक्रम चलता है।
उसके बाद महिलाएं यमुना नदी में नौनिर्यां की यात्रा करती हैं, हालाँकि गुरुवार दोपहर नाव डूब जाने की वजह से मेला का आयोजन नहीं किया गया है। दूसरी तरफ स्थानीय रामू ने बताया कि यमुना नदी के उस पार जाने के लिए नाव का ही साधन है, जिससे लगभग रोज 1000-1500 लोगों का आवागमन होता है। वहीं मरका गांव के यमुना नदी पर 2011 से पुल का निर्माण चल रहा है, हालाँकि अभी तक पुल का कार्य पूरा नहीं हो पाया। हालाँकि अगर पुल चालू हो गया होता तो इतना बड़ा हादसा नहीं होता। इसके अलावा उन्होंने बताया कि मरका गांव की आबादी लगभग 14,000 है और उससे सटे हुए 10 से 15 गांव हैं। ग्रामीणों का नदी के उस पार जाने के लिए नाव का साधन है। यमुना नदी के किनारे 6 नावें लगी हैं जो लोगों को इस पार से उस पार लाने ले जाने का कार्य करती हैं।