Azamgarh: फर्जी रेप का मुकदमा दर्ज कर भेजा जेल

थानाध्यक्ष निलंबित

Update: 2024-11-14 10:21 GMT

आजमगढ़: आजमगढ़ में फर्जी दुष्कर्म के मामले में पुलिस की मिलीभगत उजागर होने के बाद कार्रवाई की गई है। बुधवार को एसपी हेमराज मीना ने बिलरियागंज थानाध्यक्ष विनय कुमार सिंह को निलंबित कर दिया। यह कदम डीआईजी वैभव कृष्ण के निर्देश पर की गई जांच रिपोर्ट के बाद उठाया गया।

मामला इस प्रकार है कि बिलरियागंज थाना क्षेत्र की एक महिला ने पुलिस उपमहानिरीक्षक कार्यालय में शिकायत की थी कि उसके बड़े बेटे ने अपनी पत्नी को तलाक का नोटिस भेजा था, जिसके बाद उसकी बहू ने छोटे बेटे पर दुष्कर्म का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज करा दिया। महिला का आरोप है कि यह फर्जी मुकदमा पुलिस और थानाध्यक्ष की मिलीभगत से हुआ।

जांच में यह पाया गया कि थानाध्यक्ष ने चार दिन के भीतर बिना उचित सबूतों और प्रक्रियाओं का पालन किए युवक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। न ही किसी गवाह का बयान लिया गया, न फॉरेंसिक सबूत जुटाए गए, और न ही घटनास्थल का निरीक्षण किया गया। इस मुकदमे में पति-पत्नी के तलाक का उल्लेख भी नहीं किया गया।

जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी हेमराज मीना ने थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया और डीआईजी ने मामले की गहन जांच के लिए मऊ जिले की पुलिस को जिम्मेदारी सौंपी है।

जांच के दौरान यह खुलासा हुआ कि थानाध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने इस फर्जी दुष्कर्म मामले में अपने वरिष्ठ अधिकारियों को भी सही जानकारी नहीं दी और उन्हें भ्रमित किया। जांच में सामने आया कि उन्होंने घटना से जुड़ी सटीक जानकारी समय पर अधिकारियों तक नहीं पहुंचाई, जिससे मामला संदिग्ध बना रहा। यह भी संकेत मिले कि थानाध्यक्ष दूसरे पक्ष से मिले हुए थे, और इसी मिलीभगत के चलते युवक को बिना ठोस सबूतों के जेल भेज दिया गया। इस लापरवाही और संभावित पक्षपात के कारण उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया है।

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